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राजभाषा सम्मेलन 2025: हिंदी के विकास और मीडिया की भूमिका पर चर्चा

राजभाषा सम्मेलन 2025 का आयोजन भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा नई दिल्ली में किया गया। इस सम्मेलन में हिंदी के विकास, मीडिया और सिनेमा की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक अवसरों का माध्यम भी है। ओटीटी और सोशल मीडिया जैसे नए प्लेटफार्मों ने हिंदी को नई पीढ़ी के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सम्मेलन का सांस्कृतिक पहलू भी आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें प्रसिद्ध रेडियो जॉकी की संगीतमय प्रस्तुति शामिल थी।
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राजभाषा सम्मेलन 2025: हिंदी के विकास और मीडिया की भूमिका पर चर्चा

राजभाषा सम्मेलन का आयोजन

राजभाषा सम्मेलन 2025: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और खान मंत्रालय के सहयोग से स्कोप कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़, कुलपति, भारतीय जनसंचार संस्थान ने की। सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत मनीष खर, उप महानिदेशक, जीएसआई के स्वागत संबोधन से हुई।


सम्मेलन में विचारों का आदान-प्रदान

इस अवसर पर न्यूज मीडिया के चीफ बिजनेस ऑफिसर और समूह संपादक सुशांत मोहन, प्रो. रामेश्वर राय, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, उप महानिदेशक एवं राजभाषा अधिकारी, जीएसआई मुख्यालय, कोलकाता ने भी अपने विचार साझा किए। उद्घाटन सत्र में प्रो. सुधीश पचौरी (वरिष्ठ आलोचक एवं मीडिया विश्लेषक) ने भी श्रोताओं को संबोधित किया।


हिंदी का विकासित होता बाजार

पहले सत्र में 'भारत में हिंदी का विकासित होता बाजार' विषय पर चर्चा


कार्यक्रम के पहले सत्र में 'भारत में हिंदी का विकासित होता बाजार' विषय पर गहन चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक अवसरों का माध्यम भी है। विज्ञापन, डिजिटल मीडिया, मनोरंजन और प्रकाशन जैसे क्षेत्रों में हिंदी का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है। हिंदी में उपलब्ध सामग्री का बाजार न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी तेजी से फैल रहा है। यह भाषा व्यापार, शिक्षा और तकनीक जैसे क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है, जिससे हिंदी एक उभरती हुई वैश्विक भाषा के रूप में सामने आ रही है।


मीडिया और सिनेमा का प्रभाव

ओटीटी और सोशल मीडिया जैसे नए माध्यमों ने हिंदी को नई पीढ़ी के साथ जोड़ा


सम्मेलन के दूसरे सत्र का विषय 'मीडिया, सिनेमा और हिंदी' रहा। वक्ताओं ने बताया कि मीडिया और सिनेमा हिंदी के प्रसार और लोकप्रियता के सबसे बड़े माध्यम हैं। हिंदी समाचार चैनल, पत्र-पत्रिकाएं और डिजिटल प्लेटफॉर्म जनता तक सूचनाएं सरल और सुलभ तरीके से पहुंचाते हैं। हिंदी फिल्में और धारावाहिक न केवल भारतीय दर्शकों में लोकप्रिय हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हिंदी की पहचान बना रहे हैं। ओटीटी और सोशल मीडिया जैसे नए माध्यमों ने हिंदी को नई पीढ़ी के साथ जोड़ते हुए इसे और अधिक सशक्त और प्रभावी बना दिया है।


सम्मेलन का सांस्कृतिक पहलू

संगीतमय प्रस्तुति रही सम्मेलन का विशेष आकर्षण


सम्मेलन का विशेष आकर्षण प्रसिद्ध रेडियो जॉकी राहुल माकिन (फीवर 104 एफएम) की संगीतमय प्रस्तुति रही। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन गरिमा शर्मा, कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी ने किया। समापन सत्र में डॉ. मुकेश वर्मा, निदेशक एवं राजभाषा अधिकारी, जीएसआई ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी का आभार व्यक्त किया।