राजस्थान के किसान ने बाजरे से बदली किस्मत, विदेशों में भी हो रही बिक्री

किसान की मेहनत से मिली सफलता
राजस्थान के एक किसान ने अपनी मेहनत और लगन से बाजरे की मिठास से अपनी किस्मत को बदल दिया है। आज के डिजिटल युग में, किसान अपने उत्पादों को विदेशों तक पहुंचा रहे हैं। चूरू जिले में, पानी की कमी के बावजूद, किसान देशी बाजरे की खेती पर निर्भर हैं और इससे अन्य उत्पाद भी बना रहे हैं।
पानी की कमी का सामना
पानी की किल्लत
चूरू में खारे पानी और जल संकट ने किसानों के उत्साह को कम नहीं किया है। यहां के किसान अपनी मेहनत से अनाज उगाते हैं, जो उनकी आय और स्वास्थ्य में सुधार कर रहे हैं। चूरू में, देशी बाजरी की खेती को प्राथमिकता दी जा रही है, और अब किसान बिस्किट, नमकीन और मट्ठी जैसे उत्पाद बनाने लगे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।
स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों की मांग
स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे
खासोली गांव के किसान रणवीर सिंह ने देशी बाजरी से बिस्किट, नमकीन और मट्ठी का उत्पादन शुरू किया है। ये उत्पाद तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं और अब विदेशों में भी उनकी मांग बढ़ रही है। देशी उत्पाद न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं, जिससे उनकी मांग में वृद्धि हो रही है।
आर्थिक स्थिति में सुधार
भारत में स्वास्थ्य और आय दोनों में सुधार हुआ है
बाजरे के उत्पादों से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, जिससे देशी बाजरे की खेती की ओर रुझान बढ़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि देशी बाजरा दिल के लिए फायदेमंद है और यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है।
सरकारी नीतियों का समर्थन
सरकारी नीतियों और बढ़ती मांग ने किसानों को बल दिया
बाजार में नमकीन और बिस्किट के उत्पादन से किसानों को लाभ होगा। खरीफ मार्केटिंग सीजन में, सरकार ने बाजरे की खरीद बढ़ाई है। किसान रणवीर का लक्ष्य है कि देशभर में उनके उत्पादित देशी बाजरे से बने बिस्किट और नमकीन का सेवन हो।