राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में बाउंसरों की हिंसा: श्रद्धालुओं में आक्रोश

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में बाउंसरों की दबंगई
राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात बाउंसरों की हिंसक हरकतों ने श्रद्धालुओं को भयभीत कर दिया है। हाल ही में एक वीडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें बाउंसर महिलाओं और पुरुषों को डंडों से पीटते हुए देखा जा सकता है।
यह घटना रविवार दोपहर की है, जब मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। कतार में खड़े श्रद्धालुओं और ट्रस्ट द्वारा नियुक्त बाउंसरों के बीच बहस हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद बढ़ने पर बाउंसरों ने गाली-गलौज करते हुए लाठियों से हमला कर दिया। इस दौरान महिलाएं और बच्चे भी नहीं बचे, जिससे कई श्रद्धालुओं के सिर फट गए और वे लहूलुहान हो गए।
घायलों को नहीं मिला समय पर इलाज
घटना के बाद सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मंदिर प्रशासन ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी नहीं निभाई। श्रद्धालुओं को अपने साधनों से निजी अस्पतालों में जाना पड़ा। अब तक सात श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस ने की कार्रवाई, तीन बाउंसर गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलते ही श्रद्धालुओं ने टोडाभीम थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन बाउंसरों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच जारी है और स्थानीय प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट से घटना की रिपोर्ट मांगी है।
मंदिर ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस घटना के बाद लोगों ने मंदिर ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। खासकर इस बात पर नाराजगी है कि जहां बड़ी संख्या में महिलाएं दर्शन के लिए आती हैं, वहां महिला बाउंसरों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई? पुरुष बाउंसरों द्वारा महिलाओं पर लाठीचार्ज न केवल असंवेदनशीलता है बल्कि नियमों का भी उल्लंघन है। जब इस मामले में मंदिर ट्रस्ट के सचिव मनोज माथुर से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कई बार फोन करने के बावजूद कॉल रिसीव नहीं किया। इससे ट्रस्ट की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
वायरल वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। यूज़र्स ने मंदिर प्रशासन से माफी और सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुछ ने इस मुद्दे को राज्य सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंचाने की बात कही है। यह पहली बार नहीं है जब मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में बाउंसरों की बदसलूकी सामने आई हो। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब देखना यह है कि इस बार श्रद्धालुओं को इंसाफ मिलता है या नहीं।