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राजस्थान में जगुआर फाइटर जेट का हादसा: तकनीकी खराबी से हुआ क्रैश

राजस्थान के चूरू जिले में भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई। यह पिछले पांच महीनों में जगुआर का तीसरा हादसा है। जानें इस विमान की विशेषताएँ और कारगिल युद्ध में इसकी भूमिका। भारतीय वायुसेना अब आधुनिक विमानों की ओर बढ़ रही है, लेकिन जगुआर का नाम हमेशा गर्व से लिया जाएगा।
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राजस्थान में जगुआर फाइटर जेट का हादसा: तकनीकी खराबी से हुआ क्रैश

राजस्थान में जगुआर फाइटर जेट का क्रैश

राजस्थान जगुआर विमान दुर्घटना: मंगलवार, 9 जुलाई 2025 को चूरू जिले में भारतीय वायुसेना का एक जगुआर फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस घटना का कारण तकनीकी खराबी बताया जा रहा है। इस दुर्घटना में पायलट की मृत्यु की भी सूचना है। यह पिछले पांच महीनों में जगुआर का तीसरा हादसा है। इस घटना ने भारतीय वायुसेना के पुराने विमानों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि यह जगुआर फाइटर जेट 1979 से वायुसेना के बेड़े में शामिल है।


जगुआर फाइटर जेट की विशेषताएँ

जगुआर फाइटर जेट को मुख्य रूप से जमीन पर हमले के लिए डिजाइन किया गया है। इसे बहुउद्देशीय विमान भी माना जाता है, जिसका कार्य दुश्मन की जमीन पर बम गिराना, लक्ष्यों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना और युद्ध के मैदान में सैनिकों को एयर सपोर्ट प्रदान करना है। यह विमान फ्रांस और ब्रिटेन की साझेदारी से विकसित किया गया था और कारगिल युद्ध में भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है।


‘शमशेर’ के नाम से प्रसिद्ध

भारत में जगुआर लड़ाकू विमान को ‘शमशेर’ नाम दिया गया है, जो इसकी आक्रामकता और ताकत का प्रतीक है। इसका उपयोग दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी और सटीक हमलों के लिए किया जाता है। इसे भारतीय वायुसेना में कठिन परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जेट के रूप में देखा जाता है।


कारगिल युद्ध में जगुआर की भूमिका

1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में वायुसेना ने मिशन ‘सफेद सागर’ का संचालन किया था, जिसमें जगुआर विमानों ने दुश्मन के बंकरों को निशाना बनाया। इन विमानों ने लेज़र गाइडेड बमों का उपयोग करते हुए पाकिस्तानी ठिकानों को नष्ट किया और उनकी रणनीति को विफल कर दिया। यह घटना जगुआर की युद्ध क्षमता को साबित करती है।


भविष्य की दिशा

भारतीय वायुसेना अब धीरे-धीरे आधुनिक फाइटर जेट्स की ओर बढ़ रही है, जैसे राफेल और तेजस, जो भविष्य में जगुआर जैसे विमानों की जगह लेंगे। फिर भी, जगुआर का नाम हमेशा गर्व से लिया जाएगा।