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राजस्थान में नई रेलवे लाइन की मंजूरी, सिरोही को मिलेगी रेल कनेक्टिविटी

केंद्र सरकार ने राजस्थान में सिरोही को नई रेलवे लाइन से जोड़ने की मंजूरी दी है, जिससे इस क्षेत्र की 10 लाख से अधिक जनसंख्या को सीधा लाभ होगा। यह नई रेल सेवा व्यापार और यात्रा को सुगम बनाएगी, और आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और कैसे यह क्षेत्र के निवासियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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राजस्थान में नई रेलवे लाइन की मंजूरी, सिरोही को मिलेगी रेल कनेक्टिविटी

सिरोही को मिलेगी नई रेल सेवा


राजस्थान, भारत: केंद्र सरकार ने राजस्थान में एक नई रेलवे लाइन को स्वीकृति दी है, जिससे एक ऐसा जिला, जहां पहले रेल सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं, अब रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। पश्चिमी राजस्थान के लिए यह एक महत्वपूर्ण विकास है। सिरोही को रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग कई वर्षों से उठाई जा रही थी, और अब यह सपना साकार होने जा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के नेताओं ने इस दिशा में प्रयास किए हैं। केंद्र सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है।


रेल मंत्रालय ने मारवाड़ बागरा से सिरोही होते हुए स्वरूपगंज तक 96 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी दे दी है। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सिरोही को रेल नेटवर्क से जोड़ने की पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है।


जालौर के बागरा तक बिछाई जाएगी नई लाइन


नई रेलवे लाइन स्वरूपगंज से सिरोही, वराड़ा, कालंद्री, रायपुरिया और सियाना होते हुए जालौर के बागरा तक बिछाई जाएगी। इससे स्थानीय लोगों को व्यापार और यात्रा में काफी सुविधा मिलेगी। वर्तमान में यह रेलवे लाइन समदड़ी-भीलड़ी-गांधीधाम रेल मार्ग पर आती है। सिरोही जिला मुख्यालय दिल्ली, अजमेर, आबू रोड और अहमदाबाद मार्ग के निकट स्थित है। राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए नई लाइन बिछाने, दोहरीकरण, गेज परिवर्तन और बिजलीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।


10 लाख लोगों को होगा लाभ


सिरोही को रेल नेटवर्क से जोड़ने से इस क्षेत्र की 10 लाख से अधिक जनसंख्या को सीधा लाभ मिलेगा। इससे आर्थिक विकास में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। यहां के निवासियों को राजस्थान के बड़े शहरों के साथ-साथ अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली जैसे प्रमुख स्थानों के लिए भी ट्रेनें आसानी से उपलब्ध होंगी। इसके अलावा संगमरमर, ग्रेनाइट, सीमेंट, खाद्यान्न और खाद जैसी वस्तुओं का परिवहन भी सुगम हो जाएगा। समदड़ी और बॉर्डर क्षेत्र मुनाबाव से आने-जाने वाले यात्रियों और सामान को पश्चिमी डीएफसी मार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही, मुंबई तक रेल यात्रा पहले से अधिक आसान और तेज हो जाएगी।