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राजस्थान में नए एक्सप्रेसवे: जयपुर से फलौदी तक थार एक्सप्रेसवे का निर्माण

राजस्थान में अगले दो वर्षों में 9 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा, जिसमें जयपुर से फलौदी तक का थार एक्सप्रेसवे प्रमुख है। यह 345 किलोमीटर लंबा मार्ग नागौर और डीडवाना से होकर गुजरेगा, जिससे यात्रा का समय काफी कम होगा। इस प्रोजेक्ट से स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। जानें इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
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राजस्थान में नए एक्सप्रेसवे: जयपुर से फलौदी तक थार एक्सप्रेसवे का निर्माण

राजस्थान में एक्सप्रेसवे निर्माण की योजना


राजस्थान: अगले दो वर्षों में राजस्थान में 9 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए योजना और नक्शा तैयार कर लिया गया है। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जयपुर से फलौदी तक थार एक्सप्रेसवे है। यह मार्ग जयपुर, कालवाड़, जोबनेर, नावां, कुचामन, डीडवाना और नागौर से होकर गुजरेगा। हाल ही में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जिसमें इस एक्सप्रेसवे का निर्माण भी शामिल है।


नागौर और डीडवाना का प्रमुख हिस्सा

थार एक्सप्रेसवे की लंबाई और लागत

जयपुर-फलौदी थार एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 345 किलोमीटर होगी, जिसमें लगभग 11,112 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए लगभग 2,994 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा हिस्सा नागौर और डीडवाना से होकर गुजरेगा, जिसमें लगभग 66% यानी 230 किलोमीटर का मार्ग इन जिलों में बनेगा। नागौर में भूमि अधिग्रहण और निर्माण पर लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।


सफर की गति और समय में कमी

जयपुर से नागौर की यात्रा

इस एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेंगे, जिससे नागौर से जयपुर की दूरी महज ढाई घंटे में तय की जा सकेगी। इसे शहरों से दूर बनाया जाएगा ताकि यात्रा सीधी और सरल हो सके। एक्सप्रेसवे पर चढ़ने और उतरने के लिए अलग रास्ते भी बनाए जाएंगे।


निर्माण की समयसीमा

मार्च 2028 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान में सभी एक्सप्रेसवे मार्च 2028 तक तैयार हो जाएं। थार एक्सप्रेसवे जयपुर की उत्तरी रिंग रोड से शुरू होकर फलौदी में नेशनल हाईवे-11 से जुड़ेगा। वर्तमान में जयपुर से फलौदी की दूरी 410 किलोमीटर है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह दूरी 65 किलोमीटर कम होकर 345 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय भी काफी घट जाएगा, जहां पहले 7 घंटे लगते थे, वहीं अब यह सफर केवल 3 घंटे 30 मिनट में पूरा होगा।


स्थानीय विकास की संभावनाएं

स्थानीय लोगों को लाभ

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से नागौर, डीडवाना और कुचामन जैसे क्षेत्रों को बड़ा लाभ होगा। यहां उद्योग और व्यापार में वृद्धि की उम्मीद है, विशेषकर खनिज, जिप्सम, संगमरमर और सीमेंट प्लांट जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। इसके अलावा, लोग एक शहर से दूसरे शहर बहुत कम समय में पहुंच सकेंगे, जिससे जयपुर और फलौदी के बीच यात्रा और भी आसान हो जाएगी।