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राजस्थान में बैंक मैनेजर द्वारा करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला

राजस्थान में आईसीआईसीआई बैंक की महिला रिलेशनशिप मैनेजर, साक्षी गुप्ता, ने ग्राहकों के खातों से 4 करोड़ 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। उसने पैसे निकालने से पहले ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदल दिए थे। जांच में पता चला कि उसने पिछले ढाई साल में 41 ग्राहकों के 110 से अधिक खातों से पैसे निकाले। साक्षी ने इस राशि को शेयर बाजार में निवेश किया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
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धोखाधड़ी का खुलासा

हाल के दिनों में बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। राजस्थान में आईसीआईसीआई बैंक की एक महिला रिलेशनशिप मैनेजर, साक्षी गुप्ता, ने ग्राहकों के खातों से 4 करोड़ 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब साक्षी ने ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदलकर पैसे निकालने का काम किया। जब इस मामले की शिकायत मिली, तो जांच शुरू की गई और साक्षी को गिरफ्तार कर लिया गया।


साक्षी गुप्ता ने इस राशि को शेयर बाजार में निवेश किया था। पैसे निकालने से पहले वह ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदल देती थी ताकि ट्रांजेक्शन का पता न चले। पुलिस जांच में यह भी पता चला कि उसने अपने परिवार के लाखों रुपये भी शेयर बाजार में लगाए थे।


आईसीआईसीआई बैंक ने इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद साक्षी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि साक्षी ने पिछले ढाई साल में 41 ग्राहकों के 110 से अधिक खातों से पैसे निकाले।


जांच में यह भी सामने आया कि साक्षी ने 2020 से 2023 के बीच कई ग्राहकों के खातों से पैसे निकाले। एक ग्राहक ने 1.50 लाख रुपये की एफडी के बारे में जानकारी मांगी थी, जबकि एक अन्य ग्राहक के खाते से 3 करोड़ 22 लाख रुपये निकाल लिए गए थे।


साक्षी ने ग्राहकों के निर्देश के बिना पैसे दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए थे, जिसे उसने 'पूल अकाउंट' के रूप में इस्तेमाल किया। उसने 31 ग्राहकों की एफडी समय से पहले बंद कर 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार 254 रुपये अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए।


साक्षी ने कुछ ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदलकर अपने परिवार के सदस्यों के नंबर डाल दिए थे, जिससे असली ग्राहकों को ओटीपी और अलर्ट मैसेज नहीं मिले। अधिकांश ट्रांजेक्शन इंस्टा कियोस्क और डिजिटल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए गए।


साक्षी ने अपने पिता के 50 लाख रुपये भी शेयर बाजार में लगाए थे, और परिवार के अन्य सदस्यों के खातों से पैसे निकालकर भी निवेश किया था। उसने कंप्यूटर से मोबाइल नंबर का ओटीपी बदलकर परिवार के सदस्यों को जानकारी से वंचित रखा।


साक्षी गुप्ता को 31 मई को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने बैंक ग्राहकों से मोबाइल नंबर बदलने के लिए एक फॉर्म भरवाया और उसमें अपने परिवार का नंबर डाल दिया। इस मामले में और कौन शामिल है, इसकी जांच जारी है।