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राजस्थान में वायुसेना का जगुआर जेट हादसा: शहीद पायलट लोकेंद्र सिंह की वीरता की कहानी

राजस्थान के चूरू जिले में 9 जुलाई 2025 को भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो पायलट शहीद हो गए। इनमें से एक, स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु, हाल ही में पिता बने थे। इस घटना ने पूरे देश को शोक में डाल दिया है। जानें उनके जीवन और बलिदान के बारे में।
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राजस्थान में वायुसेना का जगुआर जेट हादसा: शहीद पायलट लोकेंद्र सिंह की वीरता की कहानी

राजस्थान विमान दुर्घटना

राजस्थान विमान दुर्घटना: 9 जुलाई 2025 को चूरू जिले में भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो बहादुर पायलट शहीद हो गए। इनमें से एक, स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु, हरियाणा के रोहतक के निवासी थे। उनकी वीरता और बलिदान की कहानी ने सभी की आंखों में आंसू ला दिए, खासकर जब यह पता चला कि वे एक महीने पहले ही पिता बने थे। उनकी पत्नी, डॉ. सुरभि सिंधु ने 10 जून को उनके बेटे को जन्म दिया था। परिवार में खुशी का माहौल अभी खत्म नहीं हुआ था कि इस दुखद घटना ने सबको शोक में डाल दिया।


चूरू विमान हादसे का विवरण

यह हादसा 9 जुलाई को दोपहर लगभग 12:55 बजे चूरू के रतनगढ़ क्षेत्र में भानुदा गांव के निकट हुआ। भारतीय वायुसेना का जगुआर ट्रेनर जेट, जो सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ान भर रहा था, तकनीकी खराबी के कारण खेतों में गिर गया। वहां मौजूद लोगों के अनुसार, आसमान में तेज धमाके की आवाज सुनाई दी और आग की लपटें और धुएं का गुबार दिखाई दिया। "विमान एक पेड़ पर गिरा, जिससे पेड़ में आग लग गई। मलबे के पास शवों के टुकड़े बिखरे मिले," स्थानीय लोगों ने बताया।


लोकेंद्र सिंह का जीवन

44 वर्षीय लोकेंद्र सिंह सिंधु एक अनुशासित और समर्पित सैनिक थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रोहतक के एमडीयू मॉडल स्कूल से प्राप्त की और बाद में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के माध्यम से भारतीय वायुसेना में शामिल हुए। उन्होंने दो साल से अधिक समय तक देश की सेवा की और एक प्रशिक्षक पायलट के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई।


उनका पार्थिव शरीर 10 जुलाई को रोहतक लाया जाएगा, जहां शीला बाईपास चौक के पास रामबाग में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भारतीय वायुसेना ने इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया है। स्थानीय लोगों और प्रशासन ने शहीदों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।


यह दुखद घटना न केवल रोहतक, बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। आज सिर्फ रोहतक ही नहीं, बल्कि पूरा देश शोक में है। स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु की शहादत का समाचार अत्यंत दुखद है। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।