राजस्थान में सपेरे की सांप के काटने से हुई मौत, क्षेत्र में बढ़ी चिंता

सपेरे की दुखद मौत
सपेरे की सांप के काटने से मौत: राजस्थान के चूरू जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक पुरानी कहावत है, "शिकारी कभी-कभी खुद शिकार बन जाता है," और यह कहावत रतनगढ़ तहसील के हरासर गांव में सच साबित हुई। गोगाजी महाराज के जागरण में प्रदर्शन करने वाला एक सपेरा जहरीले सांप के डसने का शिकार हो गया, जिससे उसकी जान चली गई। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है.
शास्त्रीनगर का 46 वर्षीय विकास पीपलवा पिछले 18 वर्षों से सांपों के साथ करतब दिखाकर लोगों का मनोरंजन कर रहा था। गोगाजी महाराज के मेले में वह अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा था। उनके साहसिक करतब देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हुई थी, लेकिन अचानक एक जहरीले सांप ने उनके हाथ पर डंक मार दिया। केवल 5-10 मिनट में उनकी स्थिति बिगड़ गई। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें रतनगढ़ के जालान अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया.
बिना पोस्टमार्टम शव सौंपा गया
परिवार की सहमति के बाद विकास का शव बिना पोस्टमार्टम के ही उन्हें सौंप दिया गया। विकास के निधन ने उनके परिवार और समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी। विकास का सांपों के साथ एक पुराना रिश्ता था। विशेषकर सावन और भाद्रपद के महीनों में वह कई सांपों को अपने पास रखते थे। मेले और उत्सवों में सांपों के साथ करतब दिखाकर वह लोगों का मनोरंजन करते थे। उनकी यह कला उन्हें स्थानीय स्तर पर खासा लोकप्रिय बनाती थी। लेकिन विडंबना यह है कि जिस सांप को वह नचाते थे, उसी ने उनकी जिंदगी छीन ली.
क्षेत्र में सांप के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं
चूरू जिले में सांप के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले डेढ़ महीने में यह पांचवीं घटना है, जिसमें सांप के काटने से किसी की जान गई है। 29 जुलाई को रामचंद्र पार्क निवासी कैलाश अग्रवाल की सांप के डसने से मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा, गोलसर की गीत मेघवाल (60), धातरी के नानूराम नायक (2) और बीनादेसर के युवराज (7) भी सर्पदंश का शिकार बन चुके हैं। इन घटनाओं ने क्षेत्र में सांपों से होने वाले खतरे को और गंभीर बना दिया है.