राजस्थान में सरकारी भवनों की मरम्मत के लिए मुख्यमंत्री ने दिए त्वरित निर्देश

मुख्यमंत्री का त्वरित कार्रवाई का आदेश
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को राज्यभर में क्षतिग्रस्त सरकारी भवनों की मरम्मत के लिए त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी विभागों से जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा और चेतावनी दी कि लापरवाही की स्थिति में व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
बैठक में उठी भवनों की स्थिति की चिंता
जयपुर में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने सरकारी भवनों की खराब स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित भवनों की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है। यह निर्णय हाल ही में सामने आए जर्जर भवनों के मामलों और संभावित हादसों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश
1. हर जिले से मांगी गई रिपोर्ट, खास ध्यान ग्रामीण इलाकों पर
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में स्थित क्षतिग्रस्त सरकारी भवनों की रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर विशेष ध्यान देना होगा। भवनों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए भौतिक निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है.
गुणवत्ता जांच के लिए समिति का गठन
2. छह साल में बने भवनों की होगी गुणवत्ता जांच
बैठक में यह तय किया गया कि पिछले छह वर्षों में बनाए गए सभी सरकारी भवनों की निर्माण गुणवत्ता की जांच के लिए एक राज्य-स्तरीय विशेष समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य सार्वजनिक भवनों का मूल्यांकन करेगी। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि किसी भवन की खराब स्थिति के कारण जनहानि होती है, तो संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी.
आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत के लिए बजट
3. ₹50 करोड़ की राशि स्वीकृत, आंगनबाड़ी केंद्रों की प्राथमिकता
सरकार ने 2025-26 के बजट में 5,000 आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। असुरक्षित भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी सार्वजनिक भवनों का निरीक्षण करें और जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.