राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण रोकने वाले बिल पर बीजेपी विधायक का विवादित बयान

धर्मांतरण रोकने वाला बिल पास
जयपुर समाचार: राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण रोकने वाला विधेयक पारित हो गया है, लेकिन इस पर चर्चा से ज्यादा ध्यान बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा के बयान पर केंद्रित हो गया है। उन्होंने सदन में कांग्रेस के विधायकों रफीक खान और अमीन कागजी को उनके मूल धर्म में लौटने का निमंत्रण दिया। इस बयान के बाद विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा किया।
विधायकों को मूल धर्म में लौटने का न्योता
बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने बुधवार को जयपुर सिविल लाइन से बोलते हुए कांग्रेस के दो विधायकों के धर्म पर टिप्पणी की। उन्होंने रफीक खान और अमीन कागजी को सदन में ही मूल धर्म में लौटने का न्योता दिया। दरअसल, धर्मांतरण रोकने के विधेयक पर चर्चा के दौरान यह बयान आया, जिसमें कहा गया है कि जबरन धर्मांतरण अपराध है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने मूल धर्म में लौटता है, तो यह अपराध नहीं है। इस बयान ने सदन में और भी हंगामा खड़ा कर दिया।
बयान पर आपत्ति और स्पीकर का आश्वासन
कांग्रेस ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसे सदन की कार्रवाई से हटाया जाए। स्पीकर ने इस पर जांच का आश्वासन दिया। जब गोपाल शर्मा से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनका न्योता केवल रफीक और अमीन के लिए नहीं था, बल्कि यह अन्य लोगों के लिए भी था। उन्होंने यह भी कहा कि रफीक खान कायमखानी समाज से हैं, जो कन्वर्टेड मुसलमान हैं, और उनके लिए लौटने का मतलब अपनी जड़ों में लौटना है। इस पर अमीन कागजी ने कहा कि बीजेपी को काम की बातों पर ध्यान देना चाहिए और गोपाल शर्मा की बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।