राजा रघुवंशी की हत्या: कामाख्या मंदिर में अंतिम दर्शन और संदिग्धों की गिरफ्तारी

राजा रघुवंशी की अंतिम तस्वीर
राजा रघुवंशी की हत्या से पहले की एक तस्वीर सामने आई है, जो कामाख्या देवी मंदिर की है। इस तस्वीर में राजा अकेले नजर आ रहे हैं, उनके माथे पर टीका लगा हुआ है। उनकी पत्नी सोनम ने राजा को मंदिर जाने के लिए मनाया था, यह कहते हुए कि जब तक वे मंदिर में दर्शन नहीं करेंगे, तब तक उनके बीच की दूरियां बनी रहेंगी। सोनम की जिद के चलते राजा ने हनीमून के लिए शिलांग जाने का निर्णय लिया, जबकि पहले उनका थाईलैंड जाने का कार्यक्रम था।
गुवाहाटी में रुके आरोपी
शिलांग पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि राजा और सोनम का पीछा करते हुए तीन आरोपी गुवाहाटी पहुंचे थे। वे आनन्द लॉज में ठहरे थे और खुद को छात्र बताकर वहां रुके। 19 मई की रात को वे गुवाहाटी में थे और 20 मई की सुबह शिलांग के लिए निकल गए। पुलिस को संदेह है कि राजा की हत्या का पहला प्लान गुवाहाटी में ही बनाया गया था, लेकिन शायद उन्हें मौका नहीं मिला।
राजा की हत्या की तारीख
मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को हुई थी। 21 मई को राजा अपनी पत्नी सोनम के साथ हनीमून पर शिलांग गए, जहां सोनम ने तीन ठेके के हत्यारों के साथ मिलकर राजा की हत्या की और शव को खाई में फेंक दिया। ये तीनों ठेके के हत्यारे सोनम के प्रेमी राज कुशवाहा के दोस्त थे। चारों ने मिलकर राजा की हत्या की और शव को खाई में फेंक दिया।
परिजनों की शिकायत और पुलिस की कार्रवाई
राजा और सोनम से संपर्क न होने पर उनके परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने खोजबीन शुरू की और 2 जून को खाई से राजा का शव बरामद किया। सोनम उस समय लापता थी, लेकिन हत्या के 17 दिन बाद 9 जून को पुलिस ने उसे गाजीपुर के एक ढाबे से पकड़ा। अन्य चार आरोपियों को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। सोनम की गिरफ्तारी के बाद ही राजा की हत्या का मामला खुला।