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राजा रघुवंशी हत्या मामले में सोनम रघुवंशी की शिलांग जेल में एंट्री

राजा रघुवंशी हत्या मामले में सोनम रघुवंशी को शिलांग जेल में स्थानांतरित किया गया है। वह इस जेल में दूसरी महिला कैदी होगी जो हत्या के आरोप में बंद है। जेल प्रशासन ने उसकी निगरानी के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें सीसीटीवी कैमरे और अन्य महिला कैदियों की मदद शामिल है। सोनम को जेल में कुछ सुविधाएं भी दी जाएंगी, जैसे टीवी देखना और परिवार से बात करना। इस मामले में और जानकारी के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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राजा रघुवंशी हत्या मामले में सोनम रघुवंशी की शिलांग जेल में एंट्री

राजा रघुवंशी हत्या मामले में सोनम रघुवंशी की नई जेल

राजा रघुवंशी हत्या मामला: हत्या के मामले में गिरफ्तार सोनम रघुवंशी को अब शिलांग जेल में स्थानांतरित किया जाएगा। इस संबंध में जेल प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। सोनम इस जेल में दूसरी महिला कैदी होगी, जो हत्या के आरोप में बंद होगी। वर्तमान में इस जेल में कुल 496 कैदी हैं, जिनमें से केवल 19 महिलाएं हैं।


सोनम की निगरानी का इंतजाम

रिपोर्ट के अनुसार, इस जेल में पहले से ही एक महिला कैदी हत्या के मामले में सजा काट रही है। सोनम को जेल वार्डन के कार्यालय के निकट एक सेल में रखा जाएगा, जहां दो वरिष्ठ विचाराधीन महिला कैदी उसकी निगरानी करेंगी। जेल प्रशासन ने बताया कि सोनम पर 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से नजर रखी जाएगी ताकि वह कोई गलत कदम न उठाए।


सोनम को जेल में मिलने वाली सुविधाएं

सूत्रों के अनुसार, सोनम को जेल में टीवी देखने की अनुमति होगी और वह अपने परिवार से मिलने और बात करने के लिए भी स्वतंत्र होगी, लेकिन इसके लिए जेल प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। उसे जेल के नियमों के अनुसार नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना मिलेगा। इसके अलावा, उसे अन्य महिला कैदियों के साथ सिलाई और कौशल विकास से जुड़े कार्य भी करने होंगे।


राजा कुशवाहा के अंतिम संस्कार के दिन इंदौर में थी सोनम

शिलांग के एसपी विवेक सिम ने बताया कि सोनम से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि उसके परिवार ने उस पर शादी का दबाव बनाया था, जिसके चलते उसने राजा की हत्या की। इस हत्या में राज कुशवाहा मास्टरमाइंड था और सोनम उसकी सहयोगी थी। पूछताछ में यह भी पता चला कि राजा की हत्या की योजना शादी से 11 दिन पहले बनाई गई थी। हत्या के बाद, सोनम सीधे इंदौर चली गई और 25 मई से 8 जून तक वहीं रही। 2 जून को राजा का शव मिलने के दिन भी वह इंदौर में थी।