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राजेंद्र लोढ़ा की पुलिस हिरासत बढ़ी, धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तारी

राजेंद्र लोढ़ा, जो लोढ़ा डेवलपर्स के पूर्व निदेशक हैं, को एक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने उनकी पुलिस हिरासत को 29 सितंबर तक बढ़ा दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी की संपत्ति को कम कीमत पर बेचा, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ। पुलिस ने उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें करोड़ों रुपये की नकद लेनदेन शामिल है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है आगे की प्रक्रिया।
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राजेंद्र लोढ़ा की पुलिस हिरासत बढ़ी, धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तारी

राजेंद्र लोढ़ा की गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत

लोढ़ा डेवलपर्स के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा को एक कथित धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद, मंगलवार को अदालत ने उनकी पुलिस हिरासत को 29 सितंबर तक बढ़ा दिया।


मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने 59 वर्षीय लोढ़ा को 17 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर कंपनी की संपत्ति और हस्तांतरणीय विकास अधिकारों को कम कीमत पर बेचा, जिससे कंपनी को लगभग 85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।


पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि लोढ़ा ने पिछले 12-15 वर्षों में भूमि सौदों में करोड़ों रुपये नकद में प्राप्त किए हैं। इस मामले में उनके निजी सहायक, प्रबंधक, व्यावसायिक साझेदार और चालक के बयान भी दर्ज किए गए हैं। चालक ने बताया कि वह अक्सर लोढ़ा के लिए नकद से भरे बैग लेकर जाता था।


अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि लोढ़ा ने एक भूखंड, जो स्कूल/कॉलेज के लिए आरक्षित था, अपने बेटे साहिल लोढ़ा की कंपनी को बेचा, जबकि उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं था।


पुलिस ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तारी के दिन सीसीटीवी फुटेज में उनके भाई दीपक लोढ़ा को तीन बैग लेकर जाते हुए देखा गया, जिससे साक्ष्य नष्ट करने की संभावना जताई गई। पुलिस के अनुसार, लोढ़ा ने सोने की छड़ों और भारी नकदी में लेनदेन भी किए। उनके बेटे के बैंक खाते में लगभग 49.22 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए, जिसके लिए फॉरेंसिक ऑडिट की आवश्यकता है।


शिकायत लोढ़ा की कंपनी के संपर्क प्रमुख मोनिल धनजी गाला ने दर्ज कराई थी। लोढ़ा पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।