राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के तीखे सवाल
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
संसद में ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर चर्चा चल रही है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान की निंदा करते हैं और उसके गलत कार्यों की आलोचना करते रहेंगे, लेकिन आप उनके साथ भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं।
सत्र बुलाने की मांग
खड़गे ने कहा कि विपक्ष ने पहले दिन से संसद का सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कहा कि समय आने पर जवाब देंगे। राहुल गांधी ने विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखा, लेकिन उसका कोई उत्तर नहीं मिला। हमारे पत्रों को नजरअंदाज किया गया है। इतना अहंकार है कि एक दिन इसे तोड़ने वाले लोग आएंगे। आपके पास लोगों से मिलने का समय है, लेकिन जवाब देने का नहीं।
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल
खड़गे ने कहा कि सत्र नहीं बुलाने और मीटिंग में सत्य बातें न रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम सभी मीटिंग में गए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी वहां नहीं थे। क्या यही देशभक्ति है? प्रधानमंत्री को आज यहां होना चाहिए था। अगर सुनने की क्षमता नहीं है, तो आप उस पद पर बैठने के योग्य नहीं हैं।
सुरक्षा विफलता पर चिंता
खड़गे ने कहा कि 2016 में उरी, 2019 में पुलवामा और अब पहलगाम में आतंकी हमले हुए हैं। यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और इंटेलिजेंस विफल हो रही है। गृह मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बीजेपी सरकार के दौरान पहलगाम में पांच बार हमले हुए हैं, लेकिन सरकार ने कोई सबक नहीं लिया।
गृह मंत्री से सवाल
उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर वह जिम्मेदार हैं, तो उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा कि पहलगाम हमला सुरक्षा में चूक थी। गृह मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता
खड़गे ने कहा कि बीजेपी के एक सांसद ने पहलगाम हमले में शहीदों की पत्नियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। क्या यह महिलाओं के प्रति आपकी सोच है? एक महिला अगर रो रही है, तो क्या उससे ऐसी बातें कही जाएंगी? ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर क्यों नहीं निकाला जाता?
कर्नल सोफिया कुरैशी का मामला
खड़गे ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री के बयान का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसे बयानों का खंडन होना चाहिए। अगर मंत्री ऐसा कहता है, तो उसे पार्टी से निकाल देना चाहिए। शहीद आर्मी मेजर विनय नरवाल की पत्नी को भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका की भूमिका
खड़गे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका ने दखल दिया। क्या यह 'नो थर्ड पार्टी पॉलिसी' के खिलाफ नहीं है? उन्होंने सवाल उठाया कि जब पाकिस्तान बैकफुट पर था, तो आपने सीजफायर क्यों स्वीकार किया? क्या यह व्यापार की धमकी के कारण हुआ?
खड़गे का अंतिम सवाल
खड़गे ने पूछा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका हमारे साथ क्यों नहीं था? पाकिस्तान को आर्थिक सहायता कैसे मिल गई? प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? वह इसका विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं?