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रामदेव का स्वदेशी अभियान: अमेरिका के टैरिफ विवाद का लाभ उठाते हुए

रामदेव ने अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद का लाभ उठाते हुए अपने स्वदेशी उत्पादों का प्रचार तेज कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की स्वदेशी को अपनाने की अपील ने उनके अभियान को और मजबूती दी है। जानें कैसे रामदेव ने अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मीडिया का सहारा लिया और भारतीयों के स्वाभिमान को जागरूक किया। क्या उनके उत्पादों की गुणवत्ता भी उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है? इस लेख में जानें।
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रामदेव का स्वदेशी अभियान: अमेरिका के टैरिफ विवाद का लाभ उठाते हुए

रामदेव का स्वदेशी उत्पादों का प्रचार

पतंजलि समूह के रामदेव को हाल ही में एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है। वे लंबे समय से अपने उत्पादों को स्वदेशी के नाम पर बेचने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने धर्म के आधार पर विभाजन करने की कोशिश भी की थी, जिसके लिए उन्हें अदालत से चेतावनी मिली थी। फिर भी, वे स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए अपने उत्पादों का विपणन कर रहे हैं। अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद ने उनके इस प्रयास को और गति दी है। 27 अगस्त को जब अमेरिका ने 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू किया, तब रामदेव ने स्वदेशी का प्रचार तेज कर दिया।


प्रधानमंत्री मोदी का प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेशी को अपनाने की अपील ने रामदेव के अभियान को और मजबूती दी। 27 अगस्त को, रामदेव और उनकी टीम दिल्ली और नोएडा के विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर सक्रिय थे, जहां वे लगातार इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने भारत को एक विशाल बाजार बताते हुए भारतीयों के स्वाभिमान को जागरूक किया और पतंजलि के उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि उनके कई उत्पादों में विदेशी घटक शामिल होते हैं। फिर भी, भगवा कपड़े और स्वदेशी के प्रचार के माध्यम से, वे इस स्थिति का अधिकतम लाभ उठाने में सफल हो रहे हैं। लेकिन, उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है।