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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण संबोधन: आत्मनिर्भरता और एकता का संदेश

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में 15 अगस्त के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल स्वतंत्रता का उत्सव नहीं है, बल्कि हर भारतीय के आत्मविश्वास का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने लोकतंत्र की मजबूती, मतदान के अधिकार और हालिया ऑपरेशन सिंदूर के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की एकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में हो रही प्रगति की सराहना की। जानें उनके विचार और संदेश।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण संबोधन: आत्मनिर्भरता और एकता का संदेश

स्वतंत्रता का उत्सव और आत्मविश्वास

गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 15 अगस्त केवल स्वतंत्रता का पर्व नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय के आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा संविधान और लोकतंत्र हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि उनके बलिदानों के कारण ही हमें आजादी मिली है।


लोकतंत्र और मतदान का अधिकार

लोकतंत्र और मताधिकार


राष्ट्रपति ने यह याद दिलाया कि आज़ादी के बाद भारत ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत किया और हर वयस्क को मतदान का अधिकार दिया। चुनौतियों के बावजूद, भारत ने अपने लोकतंत्र को बनाए रखा है। उन्होंने बताया कि संविधान की चार मूलभूत संस्थाएं - न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व - हमें समाज के साथ जोड़कर रखती हैं।


ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र


राष्ट्रपति ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उदाहरण बनेगा। उन्होंने पहलगाम में निर्दोषों पर हुए हमले को 'कायरतापूर्ण और अमानवीय' बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना पर भारत ने 'निर्णायक और दृढ़ संकल्प के साथ' प्रतिक्रिया दी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हमारी सेनाएं किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर आत्मनिर्भर भारत मिशन का एक परीक्षण मामला था, जिसमें स्वदेशी सिस्टम जैसे आकाश और ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया।


भारत की एकता और ताकत

भारत की सबसे बड़ी ताकत


राष्ट्रपति ने कहा कि इस ऑपरेशन की सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि हम एकजुट रहे। जब विभाजन चाहने वाले हमें बांटने की कोशिश कर रहे थे, भारत ने एकता के साथ जवाब दिया। संसद में विभिन्न दलों ने इसे वैश्विक स्तर पर समझाने में एकजुटता दिखाई। दुनिया ने देखा कि भारत आक्रामक नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर नागरिकों की रक्षा में पीछे नहीं हटेगा।


आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा

आत्मनिर्भरता की राह


राष्ट्रपति ने भारत की आर्थिक उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है; ग्रामीण क्षेत्रों में 4G उपलब्धता और डिजिटल भुगतान में अग्रणी बना हुआ है। उन्होंने संसद के लोकतांत्रिक हस्तक्षेप का उल्लेख कर देश की लोकतांत्रिक मजबूती की सराहना की।