राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एमएसएमई के महत्व पर जोर दिया

एमएसएमई का योगदान और चुनौतियाँ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हैं। ये उद्यम न केवल सकल घरेलू उत्पाद में योगदान करते हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर नवाचार को भी बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने एमएसएमई दिवस समारोह में कहा कि एक मजबूत एमएसएमई इकोसिस्टम देश के सतत आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। ये उद्यम कम पूंजी लागत पर अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में। इस प्रकार, एमएसएमई क्षेत्र कमजोर वर्गों को सशक्त बनाकर समावेशी विकास में योगदान करता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें वित्तीय समस्याएँ, बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा, नवीनतम प्रौद्योगिकी की कमी, कच्चे माल और कुशल कार्यबल की कमी, सीमित बाजार और विलंबित भुगतान शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने एमएसएमई के महत्व को समझते हुए कई नीतिगत पहल की हैं, जैसे कि वर्गीकरण मानदंडों का संशोधन, ऋण की उपलब्धता में वृद्धि, और पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों के कौशल विकास। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप पंजीकृत एमएसएमई की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि एमएसएमई के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल विलंबित भुगतान के मामलों में सहायक होगा। उन्होंने नवाचार को एमएसएमई की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि स्थानीय संसाधनों से स्थानीय मुद्दों का समाधान संभव है।
उन्होंने हाल के वर्षों में एमएसएमई क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि पर खुशी व्यक्त की और कहा कि देश के विकास के लिए इस क्षेत्र में अधिक महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने युवा महिलाओं को उद्यम स्थापित करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।