राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल में उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना की ताकत को किया प्रदर्शित
अंबाला में राष्ट्रपति की ऐतिहासिक उड़ान
अंबाला : हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना की शक्ति और आधुनिक विमानन क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी एक अन्य विमान में उड़ान भरते हुए दिखाई दिए। राष्ट्रपति मुर्मू ने उड़ान से पहले 'जी-सूट' पहना और हेलमेट तथा धूप का चश्मा लगाया। उन्होंने पायलट शिवांगी सिंह के साथ उड़ान से पहले तस्वीरें भी खिंचवाईं। शिवांगी सिंह वही महिला पायलट हैं जिनका नाम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने प्रचारित किया था।
राफेल का भारतीय वायुसेना में शामिल होना
आपको जानकारी हो कि अंबाला एयरबेस भारतीय वायुसेना के लिए रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। राफेल लड़ाकू विमानों को सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। ये विमान आतंकवादियों और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ढांचों पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उपयोग किए गए। इस ऑपरेशन में चार दिन तक सैन्य झड़पें हुईं, जिसमें राफेल विमानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंबाला एयरबेस और राफेल विमानों की उपस्थिति भारतीय वायुसेना की हवाई ताकत को मजबूत करती है और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
President Droupadi Murmu took a sortie in a Rafale aircraft at Air Force Station, Ambala, Haryana.
— News Media (@ANI) October 29, 2025
She is the first President of India to take a sortie in two fighter aircraft of the Indian Air Force. Earlier, she took a sortie in Sukhoi 30 MKI in 2023.
(Source: Rashtrapati… pic.twitter.com/9xbLrp8eKK
शिवांगी सिंह की उपलब्धियां
शिवांगी सिंह भारतीय वायुसेना की झांकी में शामिल होने वाली दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं। उनका चयन 2017 में हुआ और उन्होंने सबसे पहले MiG-21 उड़ाया। 2020 में राफेल विमानों के आगमन के बाद उन्हें राफेल उड़ाने का अवसर मिला। उनका सपना है कि भविष्य में वे अंतरिक्ष यात्रा का हिस्सा बनें। शिवांगी सिंह की उपलब्धियां न केवल महिला पायलटों की क्षमता का परिचायक हैं, बल्कि यह भारतीय वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी और देश की सैन्य शक्ति का प्रतीक भी हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू का गर्व का क्षण
राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान भारतीय वायुसेना की आधुनिक क्षमताओं, महिला पायलटों की उपलब्धियों और देश की सुरक्षा में तकनीकी प्रगति को उजागर करती है। इस कदम ने देश में गर्व की भावना को और मजबूत किया और यह संदेश दिया कि भारतीय वायुसेना हर चुनौती के लिए तैयार है।
