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राष्ट्रपति ने वीबी जी राम जी बिल को दी मंजूरी, मनरेगा का स्थान लेगा नया कानून

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के स्थान पर लाए गए वीबी जी राम जी बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। इस नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार की कानूनी गारंटी को 100 से बढ़ाकर 125 दिन किया गया है। विपक्ष ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने रोजगार की गारंटी समाप्त कर दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि यह नया ढांचा ग्रामीण रोजगार को 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण से जोड़ता है।
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राष्ट्रपति ने वीबी जी राम जी बिल को दी मंजूरी, मनरेगा का स्थान लेगा नया कानून

वीबी जी राम जी बिल की मंजूरी

नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना, जिसे आमतौर पर मनरेगा के नाम से जाना जाता है, के स्थान पर लाए गए विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (वीबी जी राम जी) बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकृति दे दी है। यह विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम तीन दिनों में लाया गया और आधी रात के बाद तक चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। 17 और 18 दिसंबर को हुई चर्चा के बाद इसे मंजूरी मिली।


इस नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए कानूनी रूप से रोजगार की गारंटी को 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। विपक्षी दलों ने इस बदलाव को महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए आरोप लगाया है कि सरकार ने रोजगार की गारंटी को समाप्त कर दिया है और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ा दिया है। इस कानून के अनुसार, 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारों को वहन करना होगा।


वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में ग्रामीण भारत की आर्थिक स्थिति, डिजिटलीकरण और कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। ऐसे में पुराने ढांचे में सुधार करने के बजाय एक नए कानूनी ढांचे की आवश्यकता थी। सरकार का दावा है कि यह नया विधेयक ग्रामीण रोजगार को 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण से जोड़ता है।