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राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षकों के योगदान की सराहना की

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में एक समारोह में शिक्षकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्मार्ट शिक्षकों की भूमिका छात्रों के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुर्मू ने शिक्षकों को समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समर्पण की भी बात की, साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों को स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। इस समारोह में 60 से अधिक शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
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राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षकों के योगदान की सराहना की

शिक्षकों के महत्व पर राष्ट्रपति का संबोधन


नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में 'स्मार्ट ब्लैकबोर्ड', 'स्मार्ट क्लासरूम' और अन्य आधुनिक सुविधाओं का महत्व है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण तत्व 'स्मार्ट' शिक्षक हैं। उन्होंने अपने शिक्षिका के अनुभव को याद करते हुए इसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय बताया।


मुर्मू ने विज्ञान भवन में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने 60 से अधिक शिक्षकों को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि 'स्मार्ट ब्लैकबोर्ड, स्मार्ट क्लासरूम और अन्य सुविधाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे आवश्यक हैं स्मार्ट शिक्षक। स्मार्ट शिक्षक वे होते हैं जो अपने छात्रों की विकास संबंधी आवश्यकताओं को समझते हैं और स्नेह एवं संवेदनशीलता के साथ पढ़ाई को रोचक बनाते हैं।'



उन्होंने आगे कहा कि ऐसे शिक्षक छात्रों को समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं। समझदार शिक्षक बच्चों में सम्मान और सुरक्षा की भावना विकसित करते हैं। मुर्मू ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण करना शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है।


राष्ट्रपति ने कहा कि 'नैतिक आचरण का पालन करने वाले संवेदनशील, ज़िम्मेदार और समर्पित छात्र, उन छात्रों से बेहतर होते हैं जो केवल प्रतिस्पर्धा और किताबी ज्ञान में रुचि रखते हैं। एक अच्छे शिक्षक में ज्ञान के साथ संवेदना भी होती है, जो छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।' उन्होंने यह भी कहा कि 'सबसे गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा की शक्ति से उन्नति कर सकते हैं। बच्चों की उड़ान को शक्ति देने में स्नेही और समर्पित शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।'


राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहा कि 'इसके लिए, हमारे शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में पहचान मिलनी चाहिए। हमारे संस्थानों और शिक्षकों को शिक्षा के सभी क्षेत्रों में सक्रिय योगदान देना होगा। मुझे विश्वास है कि हमारे शिक्षक अपने योगदान से भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति के रूप में स्थापित करेंगे।'


पुरस्कार समारोह में विजेताओं को शिक्षण के नए तरीकों, छात्रों के विकास के प्रति समर्पण और कठिन परिस्थितियों में सीखने की उपलब्धियों को बढ़ाने के लिए सम्मानित किया गया। नवोन्मेषी शिक्षण पद्धतियों से लेकर प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करने तक, पुरस्कार विजेताओं ने पूरे भारत में युवाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


पुरस्कार वितरण समारोह से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। उन्होंने मजाक में कहा कि शिक्षक आमतौर पर छात्रों को गृह कार्य देते हैं, लेकिन वह उन्हें एक होमवर्क देना चाहते हैं कि वे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करें और 'मेक इन इंडिया' तथा 'वोकल फॉर लोकल' आंदोलनों को मज़बूत करें।