राष्ट्रपति मुर्मू ने शिबू सोरेन के निधन पर व्यक्त किया शोक

शिबू सोरेन का निधन: राष्ट्रपति मुर्मू का बयान
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन का निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षति है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता के रूप में, शिबू सोरेन के निधन ने उस राजनीतिक युग का अंत कर दिया है, जिसने आदिवासी आंदोलन को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शिबू सोरेन का निधन सामाजिक न्याय के लिए एक बड़ा नुकसान है। सोरेन का निधन 81 वर्ष की आयु में, लंबी बीमारी के बाद एक अस्पताल में हुआ। राष्ट्रपति ने कहा कि सोरेन ने आदिवासी पहचान और झारखंड राज्य के गठन के लिए संघर्ष किया। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करने के साथ-साथ झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके कार्य विशेषकर आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित उनके परिवार के अन्य सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर
पहली बार दस दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे शिबू सोरेन
शिबू सोरेन झारखंड का प्रतिनिधित्व करते थे और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता थे। वे झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री रहे। 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका पहला कार्यकाल केवल दस दिनों का था, जो 2 मार्च से 12 मार्च तक चला। इसके बाद, उन्होंने 2008 से 2009 और फिर 2009 से 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वे झामुमो के अध्यक्ष भी थे, जो इंडिया गठबंधन का एक हिस्सा है। सोरेन ने 1980 से 1984, 1989 से 1998 और 2002 से 2019 तक दुमका से लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में तीन बार कोयला मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।