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राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा के खिलाफ उठाई आवाज

राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने भिवानी में ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किया। मोर्चा ने राष्ट्रपति को एक मांगपत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने मौलिक अधिकारों की रक्षा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पास्टर सुनीता ने चेतावनी दी कि यदि हिंसा पर रोक नहीं लगी, तो एक जुलाई को भारत बंद का आयोजन किया जाएगा। जानें इस प्रदर्शन के पीछे की पूरी कहानी।
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राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा के खिलाफ उठाई आवाज

ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर प्रदर्शन


भिवानी में, राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने सोमवार को ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने भिवानी उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को एक मांगपत्र सौंपा। मोर्चा की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष पास्टर सुनीता और प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र भोला ने बताया कि देश की कुल जनसंख्या में ईसाई समुदाय की हिस्सेदारी केवल 2.3 प्रतिशत है, जो हमेशा संविधान और समानता के मूल्यों का पालन करते आए हैं।


मौलिक अधिकारों की रक्षा की मांग

पास्टर सुनीता ने कहा कि मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाकर कुछ लोग इस समुदाय के लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसद को मौलिक अधिकारों के खिलाफ कानून बनाने का अधिकार नहीं है। मांगपत्र में उन्होंने सभी हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग की और आरोपियों को दंडित करने की अपील की। इसके अलावा, धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियमों की समीक्षा और उनके दुरुपयोग पर रोक लगाने की भी मांग की गई।


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा पर रोक नहीं लगाई गई, तो एक जुलाई को राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम के नेतृत्व में भारत बंद का आयोजन किया जाएगा।