Newzfatafatlogo

राहुल गांधी का जीएसटी पर हमला: आठ साल में कोई सुधार नहीं

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जीएसटी के आठ साल पूरे होने पर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में कोई सुधार नहीं हुआ है और यह गरीबों को दंडित करने का एक औजार बन गया है। राहुल ने आरोप लगाया कि यह प्रणाली बड़े कॉर्पोरेट्स के पक्ष में काम करती है, जबकि छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल को जानबूझकर जीएसटी से बाहर रखा गया है, जिससे आम नागरिक परेशान हैं। उनका कहना है कि भारत को एक ऐसी कर प्रणाली की आवश्यकता है जो सभी के लिए काम करे।
 | 
राहुल गांधी का जीएसटी पर हमला: आठ साल में कोई सुधार नहीं

जीएसटी के आठ साल: राहुल गांधी की आलोचना

भारत में जीएसटी लागू होने के आठ साल पूरे होने वाले हैं। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि आठ साल बाद भी मोदी सरकार के जीएसटी में कोई सुधार नहीं हुआ है। यह प्रणाली आर्थिक अन्याय का प्रतीक बन गई है और कॉर्पोरेट हितों का एक क्रूर औजार बन चुकी है। इसका उद्देश्य गरीबों को दंडित करना, एमएसएमई को नुकसान पहुंचाना और कुछ अरबपति मित्रों को लाभ पहुंचाना था।


जीएसटी की जटिलता और संशोधन

‘जीएसटी को 900 बार किया गया संशोधित’


राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने एक “अच्छे और सरल टैक्स” का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय भारत को पांच-स्लैब टैक्स प्रणाली मिली, जिसमें अब तक 900 से अधिक बार संशोधन किए जा चुके हैं। यहां तक कि कारमेल पॉपकॉर्न और क्रीम बन भी इस जटिलता के शिकार हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नौकरशाही की भूलभुलैया बड़े कॉरपोरेट्स के पक्ष में है, जो इसके खामियों का लाभ उठाते हैं, जबकि छोटे दुकानदार और आम व्यापारी लालफीताशाही में फंसे हुए हैं। जीएसटी पोर्टल अब दैनिक उत्पीड़न का स्रोत बन चुका है।


पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखना

‘पेट्रोल-डीजल जानबूझकर जीएसटी के दायरे से बाहर’


राहुल गांधी ने कहा कि भारत के सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता एमएसएमई को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। जीएसटी लागू होने के बाद से 18 लाख से अधिक उद्यम बंद हो चुके हैं। नागरिक अब चाय से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक हर चीज पर जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, जबकि कॉर्पोरेट हर साल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर छूट का लाभ उठा रहे हैं। पेट्रोल और डीजल को जानबूझकर जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, जिससे किसान, ट्रांसपोर्टर और आम लोग परेशान हैं।


जीएसटी का राजनीतिक उपयोग


राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जीएसटी बकाया को गैर-भाजपा शासित राज्यों को दंडित करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो मोदी सरकार के संघीय-विरोधी एजेंडे का स्पष्ट प्रमाण है। जीएसटी, यूपीए का एक दूरदर्शी विचार था, जिसका उद्देश्य भारत के बाजारों को एकीकृत करना और टैक्स स्लैब को सरल बनाना था। लेकिन इसके खराब क्रियान्वयन और राजनीतिक पूर्वाग्रह ने इसे विफल बना दिया है। भारत को ऐसी कर प्रणाली की आवश्यकता है जो सभी के लिए काम करे, न कि केवल कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के लिए, ताकि छोटे दुकानदार से लेकर किसान तक, हर भारतीय हमारे देश की प्रगति में भागीदार बन सके।