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राहुल गांधी का मनरेगा पर केंद्र सरकार पर हमला: नाम बदलने का विरोध

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मनरेगा के नाम बदलने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह महात्मा गांधी के विचारों का अपमान है और मोदी सरकार ने पहले ही बेरोजगारी से युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। प्रियंका गांधी और शशि थरूर ने भी इस बिल का विरोध किया है, जो ग्रामीण रोजगार को प्रभावित कर सकता है। जानें इस मुद्दे पर संसद में क्या बहस हुई और कांग्रेस का क्या रुख है।
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राहुल गांधी का मनरेगा पर केंद्र सरकार पर हमला: नाम बदलने का विरोध

राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर हमला

नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मनरेगा के नाम परिवर्तन को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा की।


राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को दो चीजों से गहरी नफरत है - महात्मा गांधी के विचार और गरीबों के अधिकार। मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का प्रतीक है और यह करोड़ों ग्रामीणों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ है, विशेषकर कोविड के दौरान। लेकिन, मोदी सरकार ने इसे कमजोर करने की कोशिश की है और अब इसका नाम मिटाने पर आमादा है।




मनरेगा की बुनियाद

मनरेगा की बुनियाद तीन मुख्य विचारों पर आधारित है:


1. रोजगार का अधिकार - जो भी काम मांगेगा, उसे काम मिलेगा
2. गांव को प्रगति कार्य खुद तय करने की स्वतंत्रता
3. केंद्र सरकार मज़दूरी का पूरा खर्च और सामान की लागत का 75% देगी


राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अब इस योजना को बदलकर सभी शक्तियों को अपने हाथ में लेना चाहते हैं।


नए बिल की विशेषताएँ

1. बजट, योजनाएं और नियम केंद्र द्वारा तय किए जाएंगे
2. राज्यों को 40% खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा
3. बजट खत्म होने पर या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक किसी को काम नहीं मिलेगा


यह नया विधेयक महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है। मोदी सरकार ने पहले ही बेरोजगारी से युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है और अब यह बिल ग्रामीण गरीबों की रोजी-रोटी को भी खत्म करने का प्रयास है। हम इस जनविरोधी बिल का विरोध करेंगे।


प्रियंका गांधी का विरोध

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में नियम 72(1) के तहत G Ram G बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा पिछले 20 वर्षों से ग्रामीण भारत को रोजगार और आर्थिक मजबूती प्रदान कर रहा है। यह कानून गरीबों को साल में 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार देता है।


फंडिंग और ग्रामसभा की भूमिका

प्रियंका गांधी ने कहा कि मनरेगा की सबसे बड़ी ताकत इसकी मांग आधारित व्यवस्था है, जिसमें काम की जरूरत गांव तय करते हैं। नए बिल में फंडिंग पहले से तय होगी, जिससे जमीनी जरूरतें नजरअंदाज होंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामसभाओं की ताकत भी इस बिल में कम की जा रही है।


कांग्रेस के थरूर का समर्थन

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने 'जी राम जी' नाम वाले इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का राम राज्य का विचार किसी राजनीतिक एजेंडे से नहीं जुड़ा था, बल्कि यह समाज को बेहतर बनाने की सोच थी। गांधी जी चाहते थे कि गांव मजबूत बने और समाज में समानता हो।


मनरेगा से जुड़ा नया विधेयक

लोकसभा में मनरेगा से संबंधित एक नया विधेयक पेश किया गया है, जिसमें इस योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव है। सरकार मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत- जी राम जी' योजना रखने की योजना बना रही है। इस मुद्दे पर संसद में गरमागरम बहस हुई।