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राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में प्रशासन की अनुमति का संकट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' 1 सितंबर को पटना में एक भव्य रैली के साथ समाप्त होने वाली थी, लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण कार्यक्रम पर अनिश्चितता छा गई है। पार्टी अब वैकल्पिक योजना के तहत मार्च या रोड शो की तैयारी कर रही है। इस यात्रा का उद्देश्य जनता से सीधा जुड़ाव बनाए रखना है। जानें इस यात्रा की पृष्ठभूमि और कांग्रेस की नई रणनीति के बारे में।
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कांग्रेस की रैली पर अनिश्चितता

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक भव्य रैली के साथ समाप्त होने वाली थी। हालांकि, जिला प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण इस कार्यक्रम पर अनिश्चितता का बादल छा गया है। अब पार्टी ने वैकल्पिक योजना के तहत मार्च या रोड शो की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है।


गांधी मैदान में प्रस्तावित रैली महागठबंधन और इंडिया ब्लॉक के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति के कारण महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने प्रशासन से समय पर अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन लंबे समय तक कोई प्रतिक्रिया न मिलने से स्थिति असमंजस में है। इस देरी ने कांग्रेस को 'प्लान बी' पर काम करने के लिए मजबूर कर दिया है।


कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने स्पष्ट किया कि "कार्यक्रम के स्वरूप में कुछ बदलाव संभव है, लेकिन हमारा संदेश और उद्देश्य वही रहेगा। जनता तक हमारा संदेश अवश्य पहुंचेगा।"


सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को पटना में यात्रा के अंतिम चरण में एक बड़े मार्च या रोड शो की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि गांधी मैदान में रैली नहीं हो पाती है, तो भी जनता से सीधा जुड़ाव बना रहे।


इस संदर्भ में, कांग्रेस अपने महागठबंधन सहयोगियों—राजद और वामदलों—के साथ लगातार बैठकें कर रही है। यह तय माना जा रहा है कि गांधी मैदान की रैली की जगह पटना की सड़कों पर एक विशाल मार्च अंतिम कार्यक्रम का रूप ले सकता है।


यात्रा की पृष्ठभूमि: 1300 किलोमीटर का सफरकांग्रेस की यह यात्रा 17 अगस्त को रोहतास से शुरू हुई थी और 22 जिलों में 1300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी। 31 अगस्त को यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा, जिसके बाद यह पटना पहुंचेगी।


इस पूरे अभियान का सबसे बड़ा आकर्षण 1 सितंबर का पटना कार्यक्रम था, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होने वाले थे। यदि यह मंचीय कार्यक्रम रद्द होता है, तो संभावना है कि सभी नेता रोड शो में शामिल होकर जनता को संबोधित करेंगे।