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राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण: गलत सूचना फैलाना है कानून का अपमान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने मतदान प्रक्रिया में जानबूझकर देरी का आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे झूठा और भ्रामक बताया है। आयोग ने कहा कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी और किसी भी मतदान केंद्र पर जानबूझकर देरी नहीं की गई। आयोग ने संकेत दिया है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर विचार कर सकता है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण: गलत सूचना फैलाना है कानून का अपमान

चुनाव आयोग का जवाब

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में महाराष्ट्र में हुए लोकसभा चुनावों के संदर्भ में चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग ने जानबूझकर कुछ क्षेत्रों में मतदान की गति को धीमा किया, जिससे कई मतदाता अपने वोट नहीं डाल सके। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह झूठी और भ्रामक जानकारी है, जो कानून और लोकतंत्र का अपमान करती है।


राहुल गांधी ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि मुंबई और महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रक्रिया को जानबूझकर धीमा किया गया, जिससे विशेष वर्ग के मतदाता वोट नहीं डाल सके। उनका कहना था कि यह सब बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।


चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इस बयान को पूरी तरह से गलत बताया। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष रही है। किसी भी मतदान केंद्र पर जानबूझकर देरी नहीं की गई। आयोग ने कहा कि इस तरह की बिना प्रमाण के बयानबाजी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।


आयोग ने यह भी कहा कि किसी नेता द्वारा ऐसी टिप्पणियां करना लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई पर विचार कर सकता है। इससे पहले भी आयोग नेताओं से संयम बरतने की अपील कर चुका है।