राहुल गांधी को मानहानि मामले में कोर्ट में पेश होने का आदेश

राहुल गांधी मानहानि केस में पेश होंगे
राहुल गांधी मानहानि मामला: झारखंड के चाईबासा MP-MLA कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 6 अगस्त 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। यह मामला 2018 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ राहुल गांधी की कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित है। झारखंड हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत दी कि वे अपने वकील की अंडरटेकिंग पर कोर्ट में उपस्थित हो सकते हैं।
अमित शाह पर की गई टिप्पणी का विवाद
यह विवाद 2018 में तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस के एक अधिवेशन में कहा था, 'बीजेपी में कोई भी हत्यारा पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता।' इस बयान को बीजेपी कार्यकर्ता प्रताप कटियार ने अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक मानते हुए 9 जुलाई 2018 को चाईबासा कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया। कटियार ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की टिप्पणी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
गैर-जमानती वारंट से राहत की प्रक्रिया
चाईबासा MP-MLA कोर्ट ने 27 फरवरी 2024 को राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। 14 मार्च 2024 को उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने उन्हें 27 मार्च को पेश होने का आदेश दिया। इसके खिलाफ राहुल गांधी ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने 20 मार्च 2024 को गैर-जमानती वारंट पर एक महीने की रोक लगाई और 25 अप्रैल 2024 को निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
हालांकि, 22 मई 2025 को चाईबासा कोर्ट ने फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया और राहुल गांधी को 26 जून को पेश होने का निर्देश दिया। इसके खिलाफ राहुल गांधी ने फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 6 अगस्त को चाईबासा MP-MLA कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।
राहुल गांधी के वकील का तर्क
राहुल गांधी के वकील पीयूष चित्रेश और दीपांकर राय ने हाईकोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल एक सांसद हैं और संसदीय कार्यों में व्यस्तता के कारण बार-बार कोर्ट में उपस्थित होना उनके लिए कठिन है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी अपनी पहचान पर विवाद नहीं करेंगे और उनके वकील हर तारीख पर कोर्ट में मौजूद रहेंगे। हाईकोर्ट ने इस शर्त पर राहुल गांधी को राहत दी कि वे कोर्ट की प्रक्रिया का पालन करेंगे।
यह मामला झारखंड की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है। कांग्रेस का कहना है कि यह मुकदमा राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित है और इसका उद्देश्य राहुल गांधी की छवि को धूमिल करना है। दूसरी ओर, बीजेपी ने इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए कहा कि राहुल गांधी को अपने बयानों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बीजेपी कार्यकर्ता प्रताप कटियार ने कहा, 'राहुल गांधी ने हमारे नेता और कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। कानून सबके लिए समान है।'