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राहुल गांधी चंडीगढ़ में आईपीएस अधिकारी के परिवार से मिलेंगे

राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ में आत्महत्या करने वाले आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार के परिवार से मिलने जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान, वे शोकाकुल परिवार को संवेदनाएं व्यक्त करेंगे। वाई. पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में 14 अधिकारियों पर आरोप लगे हैं, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है। जानें इस घटनाक्रम के बारे में और क्या हो रहा है।
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राहुल गांधी चंडीगढ़ में आईपीएस अधिकारी के परिवार से मिलेंगे

राहुल गांधी का चंडीगढ़ दौरा

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ की यात्रा करेंगे, जहां वे आत्महत्या करने वाले आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार के परिवार से मिलेंगे।


कांग्रेस ने इस यात्रा की पुष्टि करते हुए बताया कि राहुल गांधी मंगलवार शाम लगभग 5:30 बजे चंडीगढ़ पहुंचेंगे। वे शोक संतप्त परिवार से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करेंगे और उन्हें समर्थन देंगे।


वाई. पुरन कुमार, जो 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, हरियाणा में तैनात थे। उनका शव 7 अक्टूबर को सेक्टर 11 स्थित सरकारी आवास में पाया गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या की। इस मामले ने तब गंभीर मोड़ लिया जब उनके द्वारा लिखे गए कथित सुसाइड नोट में 14 अधिकारियों के नाम शामिल थे, जिन पर मानसिक उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव के आरोप लगाए गए हैं।


घटना के दो दिन बाद, 9 अक्टूबर की रात 10:40 बजे चंडीगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट में नामित सभी 14 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया शामिल हैं। उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।


हालांकि, एफआईआर के बावजूद, अधिकारी के परिवार ने जांच पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा सरकार पर अविश्वास जताते हुए पोस्टमार्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, जिसके कारण 7 अक्टूबर से अधिकारी का शव पोस्टमार्टम हाउस में रखा हुआ है।


उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार ने सोमवार को कुछ वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की, लेकिन राज्य सरकार के कई प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर दिया और कथित तौर पर ‘राजनीतिक तुष्टीकरण’ के प्रयासों को ठुकरा दिया।


कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को लेकर भाजपा शासित हरियाणा सरकार की आलोचना की है और इसे प्रशासनिक और कानून व्यवस्था की विफलता करार दिया है।