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राहुल गांधी ने लोकसभा में पहलगाम हमले की निंदा की, सरकार पर उठाए सवाल

राहुल गांधी ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने महज 30 मिनट में सरेंडर कर दिया। गांधी ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान द्वारा योजनाबद्ध था और उन्होंने सेना को पूरी आजादी देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके बयान में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की भी चर्चा की गई। जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और क्या कहा गया।
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राहुल गांधी ने लोकसभा में पहलगाम हमले की निंदा की, सरकार पर उठाए सवाल

राहुल गांधी का बयान

नई दिल्ली - लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान पहलगाम हमले को अत्यंत क्रूर और निंदनीय बताया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने महज 30 मिनट में सरेंडर कर दिया था।


राहुल गांधी ने कहा, "पहलगाम में एक निर्दयी हमला हुआ, जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तान सरकार द्वारा योजनाबद्ध था। इस हमले में युवा और बुजुर्गों को बेरहमी से मारा गया। इस सदन में उपस्थित सभी ने एकजुट होकर पाकिस्तान की निंदा की।" उन्होंने आगे कहा, "जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तब विपक्ष और सभी दलों ने यह सुनिश्चित किया कि हम सेना और भारत की चुनी हुई सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।"


उन्होंने कहा, "हमने कुछ नेताओं की व्यंग्यात्मक टिप्पणियों को सुना, लेकिन हमने चुप्पी साधे रखी। यह एक ऐसा मुद्दा था जिस पर इंडिया गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेताओं ने सहमति जताई। हमें गर्व है कि हम एकजुट रहे।"


राहुल गांधी ने आगे कहा, "पहलगाम हमले के बाद हम नरवाल साहब के घर गए, जिनका बेटा नेवी में था। हमने उत्तर प्रदेश और कश्मीर में पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की। जब आप किसी से हाथ मिलाते हैं, तो आपको समझ आ जाता है कि वह टाइगर है। टाइगर को आजादी देनी होती है। सेना को पूरी आजादी मिलनी चाहिए और इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है।"


उन्होंने सैम मानेकशॉ का उदाहरण देते हुए कहा, "1971 में मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी से ऑपरेशन के लिए छह महीने का समय मांगा था। इंदिरा गांधी ने उन्हें पूरी छूट दी। उस समय प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह किए बिना मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया।"


राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, "सरकार ने पाकिस्तान को सुबह 1:35 बजे सूचित किया कि हमने उनके आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, लेकिन 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि सरकार में युद्ध लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है।"