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रुपये में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बीच अमेरिकी हमले का असर

ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हमले के बाद, भारतीय रुपये में गिरावट आई है, जो 86.69 प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। इस घटना के चलते वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। जानें इस आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण और शेयर बाजार पर इसके प्रभाव के बारे में।
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रुपये में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बीच अमेरिकी हमले का असर

रुपये की स्थिति और कच्चे तेल की कीमतें

ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हमले के बाद, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के चलते, भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 14 पैसे की गिरावट के साथ 86.69 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।


विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती ने स्थानीय मुद्रा पर और दबाव डाला।


अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.75 पर खुला और फिर 86.69 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे की कमी को दर्शाता है।


शुक्रवार को, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.55 पर बंद हुआ था।


अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.69 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 78.31 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।


शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने शुक्रवार को 7,940.70 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।