रूपाली गांगुली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल, आवारा कुत्तों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और रूपाली गांगुली की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निर्देश दिया कि दिल्ली और एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर पकड़कर नगर निगम द्वारा स्थापित आश्रयों में रखा जाए। अदालत ने यह भी कहा कि एक बार कुत्तों को पकड़ने के बाद उन्हें फिर से सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। इस फैसले के बाद, अभिनेत्री रूपाली गांगुली ने अपने एक्स हैंडल पर इस मुद्दे पर अपनी राय साझा की, जिसके बाद एक यूजर ने उनकी आलोचना की। यूजर ने उन्हें आवारा कुत्तों का समर्थन न करने की सलाह दी और उन पर मांसाहारी भोजन करने का आरोप लगाया।
I feed the homeless animals on a daily basis … every animal I feed has been regularly vaccinated and sterilized…. I support animal shelters and gaushalas … not only in my city but all over India … m a proud vegetarian… and I support the homeless fur babies …. I donot have a… https://t.co/7yaRcJ2Qsi
— Rupali Ganguly (@TheRupali) August 12, 2025
यूजर ने टिप्पणी की कि जब वह मांसाहारी भोजन करती हैं, तो उन्हें आवारा कुत्तों का समर्थन नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिनके पास पालतू कुत्ते हैं, उन्हें आवारा कुत्तों के लिए आवाज उठाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि जो लोग आवारा कुत्तों के लिए चिंतित हैं, उन्हें शेल्टर होम जाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
रूपाली गांगुली का स्पष्टीकरण
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, रूपाली ने स्पष्ट किया कि वह शाकाहारी हैं और रोजाना आवारा कुत्तों को खाना खिलाती हैं। उन्होंने कहा, 'यह धरती हम सबकी है।'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी
रूपाली ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि कुत्तों को शेल्टर में भेजना दया नहीं, बल्कि उन्हें निर्वासित करना है।
कुत्तों की सांस्कृतिक भूमिका
उन्होंने यह भी बताया कि हमारे परंपराओं में कुत्ते भैरव बाबा के मंदिर की रक्षा करते हैं और उन्हें आशीर्वाद के लिए खाना दिया जाता है।
आवारा कुत्तों की देखभाल की आवश्यकता
रूपाली ने कहा कि अगर हम उन्हें हटा देते हैं, तो हम अपने रक्षकों को खो देंगे। उन्होंने कहा, 'आवारा कुत्ते हमारे विश्वास, संस्कृति और सुरक्षा का हिस्सा हैं।'