रूस और अजरबैजान के बीच बढ़ता तनाव: पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़े

रूस-अजरबैजान संघर्ष की पृष्ठभूमि
रूस-अजरबैजान संघर्ष: इजराइल और ईरान के बीच हालिया संघर्ष के बाद, अब रूस और अजरबैजान के बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अजरबैजान की राजधानी बाकू में पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई है। ये गिरफ्तारियाँ रूस द्वारा संदिग्ध अजरबैजानियों की गिरफ्तारी के बाद हुईं। पहले दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध थे, लेकिन अब स्थिति बिगड़ती जा रही है।
टकराव की शुरुआत
यह तनाव तब शुरू हुआ जब 28 जून को रूस के येकातेरिनबर्ग शहर में पुलिस ने 50 से अधिक अजरबैजानी नागरिकों को हिरासत में लिया। रिपोर्टों के अनुसार, ये सभी एक हत्या के मामले में पकड़े गए थे जो 2001 में हुआ था। इस दौरान जियाद्दीन और हुसेन सफारोव नामक दो भाइयों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए।
अजरबैजान की प्रतिक्रिया
अपने नागरिकों की मौत की खबर सुनकर अजरबैजान की सरकार रूस पर भड़क गई और इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने इसे नस्लीय नफरत से प्रेरित और जानबूझकर किया गया हमला बताया।
दोस्त से दुश्मन बनने की कहानी
दोस्त बने दुश्मन
रूस और अजरबैजान के बीच कभी अच्छे संबंध थे, लेकिन अब स्थिति में गिरावट आ गई है। विशेषज्ञ वादिम डबनोव का कहना है कि यह टकराव एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है। 2020 में कराबाख युद्ध और 2023 में अजरबैजान की सैन्य सफलता के बाद, अजरबैजान की सरकार ने रूस से दूरी बनानी शुरू कर दी।
रूस पर अजरबैजान का प्रहार
अजरबैजान का रूस पर बड़ा प्रहार
इस तनाव के बीच, अजरबैजान ने रूस के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की। 30 जून को, अजरबैजान की पुलिस ने बाकू में रूसी सरकारी मीडिया स्पुतनिक के दफ्तर पर छापा मारा और संपादक इगोर कार्तवीख और प्रबंध संपादक बेलौसोव को हिरासत में लिया। उन पर रूसी खुफिया एजेंसी FSB के एजेंट होने का आरोप लगाया गया। रूस ने इस पर आपत्ति जताई और इसे शत्रुतापूर्ण कदम बताया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
1 जुलाई को अजरबैजान ने साइबर अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में आठ रूसी नागरिकों को गिरफ्तार किया। उनकी तस्वीरें खून से लथपथ हालत में कोर्ट में पेश की गईं, जिससे दुनिया हैरान रह गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव लंबे समय तक चलेगा, लेकिन संबंधों के पूरी तरह टूटने की संभावना नहीं है।
भारत और अजरबैजान के रिश्ते
भारत के साथ अजरबैजान के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं, जबकि पाकिस्तान उसका करीबी सहयोगी है। अजरबैजान के दुश्मन आर्मीनिया के साथ भारत के अच्छे रिश्ते हैं, जबकि पाकिस्तान आर्मीनिया को मान्यता नहीं देता।