रूस और बेलारूस का संयुक्त सैन्य अभ्यास: नाटो की सीमाओं पर बढ़ता तनाव

रूस-बेलारूस सैन्य अभ्यास की शुरुआत
रूस-बेलारूस सैन्य अभ्यास: पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच, रूस ने बेलारूस के सहयोग से शुक्रवार को नाटो की सीमाओं के निकट एक बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास आरंभ किया। यह अभ्यास उस समय शुरू हुआ जब पोलैंड ने अपनी सीमा में घुसे एक रूसी ड्रोन को दो दिन पहले मार गिराया था। यह सैन्य अभ्यास, जिसका नाम "Zapad-2025" है, पोलैंड की सीमा के बेहद करीब हो रहा है।
हालांकि, यह अभ्यास पोलैंड में ड्रोन की घटना से पहले ही निर्धारित किया गया था, लेकिन यूक्रेन में पिछले तीन वर्षों से चल रहे युद्ध के दौरान यह पहली बार है जब रूस ने किसी नाटो सहयोगी देश पर हमला किया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्यास के पहले चरण में सैनिकों को रूस और बेलारूस पर हमले की स्थिति में प्रतिक्रिया देने की ट्रेनिंग दी जाएगी। दोनों देशों का गठबंधन यूनियन स्टेट के नाम से जाना जाता है।
दुश्मन को समाप्त करने की रणनीति
मंत्रालय ने आगे कहा कि दूसरे चरण में यूनियन स्टेट की क्षेत्रीय अखंडता को पुनर्स्थापित करने और दुश्मन को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बेलारूस की सीमा पश्चिम में तीन नाटो देशों, पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया, और दक्षिण में यूक्रेन से जुड़ी हुई है।
पोलैंड ड्रोन हमले पर रूस की चुप्पी
क्रेमलिन ने शुक्रवार को कहा कि इस अभ्यास को लेकर यूरोप की चिंताएं रूस के प्रति शत्रुतापूर्ण भावनाओं पर आधारित हैं। उसने पोलैंड में हुए ड्रोन हमले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, जिसे पश्चिम में नाटो के लिए एक चेतावनी और उसकी प्रतिक्रियाओं के लिए एक परीक्षण माना जा रहा था।
पोलैंड में सुरक्षा बढ़ाई गई
इस सैन्य अभ्यास के चलते, पोलैंड ने अपने देश में उच्च सुरक्षा स्तर घोषित किया है और बेलारूस के साथ अपनी सीमा को बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि हम इस अभ्यास पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इससे पहले, इस तरह का अभ्यास सितंबर 2021 में हुआ था, जो यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से पांच महीने पहले था।