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रूस का यूक्रेन पर नया हमला, ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात से पहले बढ़ी तनाव की स्थिति

रूस ने यूक्रेन पर एक और बड़ा हमला किया है, जिसमें कई लोग मारे गए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होने वाली थी। खारकीव पर हुए ड्रोन हमले में एक बच्ची और उसके भाई की भी जान गई। पीएम मोदी ने पुतिन से फोन पर बात की है, जिसमें उन्होंने अलास्का में ट्रंप के साथ बैठक की जानकारी साझा की। इस स्थिति ने वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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रूस का यूक्रेन पर नया हमला, ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात से पहले बढ़ी तनाव की स्थिति

रूस का ताजा हमला

रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर बड़ा हमला किया है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है। यह हमला उस समय हुआ जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होने वाली थी। 15 अगस्त को ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत हुई थी, लेकिन सीजफायर पर कोई सहमति नहीं बन पाई। अब रूस ने खारकीव पर हमला किया है, जो कि यूक्रेन के प्रमुख शहरों में से एक है।


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की है। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।


हमले में जानमाल का नुकसान

रिपोर्टों के अनुसार, यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर हुए रूसी हमलों में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं। यह घटना ज़ेलेंस्की द्वारा वाशिंगटन में युद्ध समाप्त करने के लिए त्वरित समझौते के खिलाफ अपने विचार रखने से कुछ घंटे पहले हुई। अधिकारियों ने बताया कि खार्किव के एक रिहायशी क्षेत्र में रात भर हुए ड्रोन हमले में सात लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्ची और उसका 16 वर्षीय भाई भी शामिल था। इस हमले में 23 लोग घायल भी हुए हैं।


मोदी और पुतिन की बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पुतिन से बात की है, जिन्होंने उन्हें अलास्का में ट्रंप के साथ अपनी हालिया बैठक के बारे में जानकारी दी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए पुतिन का धन्यवाद किया और कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है।


अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और ज़ेलेंस्की की महत्वपूर्ण मुलाकात में कई यूरोपीय नेता भी शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना और आर्थिक तथा सैन्य सहायता के नए विकल्पों पर चर्चा करना है।