रूस का यूक्रेन पर बड़ा हमला: 100 से अधिक ड्रोन और 150 बम गिराए गए

रूस की आक्रामकता
कीव। रूसी सेना ने यूक्रेन के जपोरिजिया शहर पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें 100 से अधिक ड्रोन और लगभग 150 ग्लाइड बम शामिल थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि अन्य शहर भी इस हमले के निशाने पर थे। उन्होंने यूरोपीय नेताओं से अपील की है कि यूरोप की सुरक्षा के लिए एक मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम तुरंत उपलब्ध कराया जाए। जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर साझा किया कि पिछले दो हफ्तों में रूस ने 3,500 से अधिक ड्रोन, 2,500 से ज्यादा ग्लाइड बम और लगभग 200 मिसाइलें यूक्रेन पर दागी हैं। उनका कहना है कि यूरोप की सामूहिक सुरक्षा केवल एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली से ही संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक रूस को गंभीर आर्थिक नुकसान नहीं होगा, तब तक वह युद्ध समाप्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाएगा। इसके जवाब में, यूक्रेन ने पश्चिमी रूस के सारातोव क्षेत्र में एक तेल रिफाइनरी पर रात में हमला किया।
ग्लाइड बम से तबाही
ग्लाइड बम का प्रभाव
रूसी ग्लाइड बम लड़ाकू विमानों से ऊंचाई से गिराए जाते हैं, जिन्हें रोकना बेहद कठिन होता है। क्षेत्रीय प्रमुख इवान फेडोरोव के अनुसार, रूसी सेना ने मल्टीपल रॉकेट लॉन्च सिस्टम से 10 हमले किए, जिसमें 10 अपार्टमेंट इमारतें और 12 निजी घर क्षतिग्रस्त हुए। इस हमले में जपोरिजिया में एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि चार बच्चों सहित 20 लोग घायल हुए हैं। कई स्थानों पर आग भी लग गई। मायकोलाइव क्षेत्र में भी एक व्यक्ति की जान गई है।
यूक्रेन में सैन्य बदलाव
सैन्य कमांड में फेरबदल
रूस की बढ़ती आक्रामकता के बीच, यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ओलेक्सांद्र सिर्स्की ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। 17वीं सेना कोर के प्रभारी वोलोदिमीर सिलेंको और 20वीं सेना कोर के प्रमुख मैक्सिम कितुहिन को जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि सिलेंको की तैनाती जपोरिजिया क्षेत्र में थी, जहां निप्रो नदी के तट पर एक गांव पर यूक्रेनी सेना का नियंत्रण समाप्त हो गया। वहीं, कितुहिन डोनेस्क क्षेत्र के पास तैनात थे, जहां रूस ने कई गांवों पर कब्जा कर लिया है।
अमेरिकी हथियार सहायता
हथियार सहायता की मंजूरी
इस बीच, ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को अमेरिकी हथियार सहायता के पहले पैकेज को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, यह सहायता एक नए वित्तीय समझौते के तहत सहयोगियों के साथ मिलकर भेजी जाएगी और जल्द ही कीव तक पहुंचाई जाएगी।