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रूस की नाराजगी: 26 यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के लिए सुरक्षा बल बनाने का किया ऐलान

यूरोप के 26 देशों ने यूक्रेन के लिए सुरक्षा बल बनाने का ऐलान किया है, जिस पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रूस ने इसे यूरोपीय महाद्वीप के लिए खतरा बताया है। इस लेख में जानें कि कैसे यूरोपीय नेता इस सुरक्षा बल के गठन की योजना बना रहे हैं और रूस की चेतावनियों का क्या असर हो सकता है।
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रूस की नाराजगी: 26 यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के लिए सुरक्षा बल बनाने का किया ऐलान

यूक्रेन के लिए सुरक्षा बल का गठन

यूरोप के 26 देशों ने यूक्रेन के लिए एक सुरक्षा बल बनाने और उसकी सेना को सशक्त करने का निर्णय लिया है, जिस पर रूस ने अपनी असहमति व्यक्त की है। रूस ने इस प्रस्ताव की तीखी आलोचना करते हुए इसे यूरोपीय महाद्वीप के लिए खतरा बताया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन के लिए यह सुरक्षा गारंटी पूरी तरह से अस्वीकार्य है।


रूस की चेतावनी

रूस ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन में विदेशी सैनिकों की तैनाती की गई, तो इसे उकसाने वाली कार्रवाई माना जाएगा और इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। हालांकि, इस धमकी को नजरअंदाज करते हुए, यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की और अमेरिका के राष्ट्रपति से मुलाकात की।


यूरोपीय देशों का निर्णय

इन 26 यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के लिए सुरक्षा बल का हिस्सा बनने का निर्णय लिया है। इस बल का मुख्य उद्देश्य युद्धविराम या शांति की स्थिति में यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करना और उसकी सेना को मजबूत करना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रोन ने इस पहल की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका का समर्थन भी जल्द ही प्राप्त होगा। इस बल में फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और जर्मनी जैसे प्रमुख देश शामिल होंगे।


सैनिकों की तैनाती

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के समर्थन को यूक्रेन की जीत के रूप में देखा है। सुरक्षा बल के सैनिकों को फ्रंटलाइन से दूर तैनात किया जाएगा और वे सहायता प्रदान करने की भूमिका में रहेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने यूक्रेन में अमेरिकी सेना की तैनाती से इनकार किया था, लेकिन हवाई बल की तैनाती की संभावना को खुला रखा था।