रूस के राष्ट्रपति पुतिन का ईरान पर कड़ा बयान: क्या है पीछे की कहानी?

पुतिन का विवादास्पद बयान
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक सवाल का ऐसा जवाब दिया जिसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। जब पत्रकारों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को अमेरिका या इजराइल द्वारा निशाना बनाए जाने की संभावनाओं पर सवाल उठाया, तो पुतिन ने गुस्से में कहा कि वह इस विषय पर चर्चा नहीं करना चाहते।
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
पुतिन की यह प्रतिक्रिया ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है। हाल के दिनों में इजराइली हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है। पुतिन की नाराजगी रूस की रणनीतिक चिंताओं को उजागर करती है।
ट्रंप और नेतन्याहू के बयानों पर पुतिन की प्रतिक्रिया
एक अमेरिकी पत्रकार ने डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के हालिया बयानों का उल्लेख करते हुए सवाल पूछा। ट्रंप ने कहा था कि उन्हें खामेनेई की सही लोकेशन का पता है, जबकि नेतन्याहू ने ईरान में शासन परिवर्तन की संभावना जताई थी। इस पर पुतिन ने चर्चा से साफ इनकार कर दिया।
कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता
पुतिन ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसे सावधानी से संभालना होगा, लेकिन उनके अनुसार समाधान संभव है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम का अधिकार मिलना चाहिए, जबकि इजराइल की सुरक्षा भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
नागरिक परमाणु सहयोग जारी
हालांकि रूस-ईरान सैन्य सहयोग के बावजूद, पुतिन ने स्पष्ट किया कि मॉस्को ने ईरान को कोई हथियार नहीं दिए हैं। बशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट जैसे नागरिक परमाणु परियोजनाओं पर दोनों देशों का सहयोग जारी है, जहां 200 से अधिक रूसी कर्मचारी काम कर रहे हैं।
इजराइली हमलों का असर
ईरान में इजराइली हमलों के कारण अब तक 585 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 239 आम नागरिक शामिल हैं। अमेरिका स्थित एक ईरानी मानवाधिकार संगठन ने यह आंकड़ा जारी किया है। पुतिन ने कहा कि इन हमलों के बावजूद ईरान की परमाणु सुविधाएं सक्रिय हैं और वहां की जनता अपने नेतृत्व के साथ खड़ी है।