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रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा: आज का कार्यक्रम और मुख्य उद्देश्य

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा आज अपने अंतिम दिन में है। इस दौरान, पुतिन राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा, वह भारत-रूस बिजनेस फोरम में भी भाग लेंगे। पुतिन का मुख्य उद्देश्य भारत को रूसी तेल और रक्षा उपकरणों की बिक्री को बढ़ावा देना है। जानें इस दौरे की अन्य महत्वपूर्ण बातें और कार्यक्रम।
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रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा: आज का कार्यक्रम और मुख्य उद्देश्य

पुतिन का भारत दौरा: श्रद्धांजलि और औपचारिक स्वागत


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा आज शुक्रवार को अपने दूसरे और अंतिम दिन में है। वह कल शाम नई दिल्ली पहुंचे थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। मोदी ने पुतिन को गले लगाया और उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद, पुतिन ने प्रधानमंत्री के साथ रात्रिभोज का आनंद लिया।


राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत

आज पुतिन राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत समारोह में भाग लेंगे। इसके बाद, वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद, पुतिन हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे, जिसमें प्रमुख उद्योगपति भी उपस्थित रह सकते हैं।


भारत-रूस बिजनेस फोरम में भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन आज भारत-रूस बिजनेस फोरम में भी शामिल होंगे। इसके बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर पुतिन राष्ट्रपति भवन में भोज में शामिल होंगे। इसके बाद, वह मॉस्को लौट जाएंगे।


पुतिन के दौरे का मुख्य उद्देश्य

भारत-रूस के बीच हर साल शिखर वार्ता होती है, और इस बार यह 23वां सम्मेलन है। पुतिन का यह दौरा पिछले दौरे की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका मुख्य उद्देश्य भारत को रूसी तेल, मिसाइल सिस्टम और लड़ाकू विमानों की बिक्री को बढ़ावा देना है।


एस-400 और परमाणु ऊर्जा पर चर्चा

पुतिन के कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की अतिरिक्त बिक्री भी चर्चा में है। इसके अलावा, भारत एस-500 प्रणाली खरीदने की योजना बना रहा है। दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा पर भी समझौता संभव है, जिसमें रूस छोटे परमाणु रिएक्टर बनाने की तकनीक साझा करना चाहता है।


भारत-रूस संबंधों की मजबूती

हालांकि अमेरिका के दबाव के कारण ऊर्जा संबंध कमजोर हो रहे हैं, लेकिन भारत अब भी रक्षा क्षेत्र में रूस पर निर्भर है। रूस ने अपने उन्नत लड़ाकू विमान एसयू-57 की पेशकश की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन युद्ध के हालिया घटनाक्रम ने भारत के लिए रूस से खुलकर वार्ता करना आसान बना दिया है।