रूस ने अमेरिका की धमकियों का दिया करारा जवाब, भारत के समर्थन में खड़ा हुआ

रूस की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के कारण अगले 24 घंटों में टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस पर रूस ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वह इन धमकियों से प्रभावित नहीं होगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अमेरिका का यह प्रयास कि अन्य देशों को रूस के साथ व्यापार करने से रोका जाए, पूरी तरह से गलत है। हर राष्ट्र को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार है। रूस ने यह भी कहा कि किसी को भी टैरिफ के डर से उसकी संप्रभुता पर हमला करने का अधिकार नहीं है, और वह इस तरह के दबाव को एक धमकी के रूप में देखता है।
भारत का कड़ा जवाब
रूस ने कहा कि वह ऐसे बयानों को सुन रहा है जो वास्तव में धमकियों के समान हैं। कई देशों को रूस के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ने के लिए मजबूर करना पूरी तरह से अवैध है, और इसका वे विरोध करते हैं। रूस का मानना है कि संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदार और आर्थिक सहयोग के लिए स्वतंत्रता होनी चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका को जवाब दिया
Statement by Official Spokesperson
https://t.co/O2hJTOZBby pic.twitter.com/RTQ2beJC0W
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 4, 2025
इससे पहले, ट्रंप की टैरिफ धमकियों पर भारत सरकार ने कड़ा जवाब दिया था। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना पर कहा कि रूसी तेल खरीदने की आलोचना अनुचित और बेबुनियाद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत पर निशाना साधना न केवल गलत है, बल्कि यह उन देशों की कथनी और करनी में भी अंतर को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि भारत को रूस से अधिक तेल आयात करना पड़ा क्योंकि यूक्रेन संघर्ष के चलते पारंपरिक सप्लायर्स ने अपनी आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी थी। उस समय अमेरिका ने भारत को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रह सके। MEA ने यह भी कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वही खुद भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।