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रूस ने अमेरिका की नीतियों पर उठाए सवाल, ट्रंप के टैरिफ का किया विरोध

रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की कड़ी आलोचना की है, उन पर वैश्विक दक्षिण देशों के खिलाफ 'नवउपनिवेशवादी' दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया है। रूस का कहना है कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर अपनी शक्ति बनाए रखने के लिए राजनीतिक दबाव और आर्थिक प्रतिबंधों का सहारा ले रहा है। इस बीच, भारत ने अमेरिका की नीतियों का विरोध करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की है। जानें इस विवाद का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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रूस ने अमेरिका की नीतियों पर उठाए सवाल, ट्रंप के टैरिफ का किया विरोध

रूस की अमेरिका पर कड़ी प्रतिक्रिया

रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की तीखी आलोचना की है, उन पर वैश्विक दक्षिण देशों के खिलाफ 'नवउपनिवेशवादी' दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया है। रूस का कहना है कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर अपनी शक्ति बनाए रखने के लिए राजनीतिक दबाव और आर्थिक प्रतिबंधों का सहारा ले रहा है।


अमेरिका की एकतरफा नीतियों पर रूस की आपत्ति

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका उन देशों पर आर्थिक दबाव डाल रहा है जो स्वतंत्र नीति अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मास्को ऐसे देशों के साथ सहयोग को और मजबूत करना चाहता है ताकि एक 'सच्ची बहुपक्षीय और समान' वैश्विक व्यवस्था स्थापित हो सके।


नए टैरिफ के संदर्भ में रूस का बयान

रूस का यह बयान तब आया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर नए और कड़े टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ज़खारोवा ने इसे अन्य देशों की संप्रभुता पर सीधा हमला और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया।


प्रतिबंधों को 'इतिहास की दुखद सच्चाई' बताया

ज़खारोवा ने कहा, 'प्रतिबंध और आर्थिक दबाव आज के ऐतिहासिक दौर की एक दुखद सच्चाई बन चुके हैं। अमेरिका अपनी वैश्विक प्रधानता के समाप्त होने को स्वीकार नहीं कर पा रहा है, यही कारण है कि वह राजनीतिक मकसद से प्रेरित आर्थिक दबाव बना रहा है।'


ब्रिक्स देशों से सहयोग बढ़ाने का इरादा

रूस ने कहा कि वह ब्रिक्स जैसे साझेदारों के साथ सहयोग को और मजबूत करेगा। ब्रिक्स में अब ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और 2025 में शामिल होने वाला इंडोनेशिया भी शामिल है। ज़खारोवा ने कहा, 'इतिहास की प्राकृतिक दिशा को कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध नहीं रोक सकते।'


अमेरिका की नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरा

रूस ने अमेरिका की नीतियों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक बताया। ज़खारोवा ने कहा कि इस तरह की नीतियाँ वैश्विक विकास में रुकावट और आर्थिक विघटन को जन्म देती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 'एक तरफ पश्चिमी देश फ्री ट्रेड की वकालत करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वे खुद राजनीतिक कारणों से संरक्षणवाद और मनमाने टैरिफ बढ़ा रहे हैं।'


ट्रंप की टिप्पणी और भारत की प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि वह भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भारी टैरिफ लगाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में अधिक मुनाफे पर बेच रहा है।


भारत का सख्त जवाब

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, तब अमेरिका ने ही भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था। 'हमारी खरीददारी वैश्विक स्थिति की मजबूरी है। जिन देशों ने हम पर उंगली उठाई है, वे खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं।'


रूस और भारत का अमेरिका की नीतियों का विरोध

रूस और भारत दोनों ने अमेरिका की नीतियों का कड़ा विरोध किया है। जहां रूस वैश्विक शक्ति संतुलन को बहुपक्षीय बनाने की बात कर रहा है, वहीं भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की दोहरी नीति पर सवाल उठाए हैं। ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार और कूटनीति में तनाव को बढ़ा दिया है।