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रूस ने भारतीय सामान के लिए खोले अपने बाजार, अमेरिका की टैरिफ नीति का जवाब

रूस ने भारतीय सामान के लिए अपने बाजार खोलने का ऐलान किया है, जबकि अमेरिका ने भारत पर उच्च टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। इस स्थिति में रूस ने भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का संकेत दिया है। जानें कैसे अमेरिका की टैरिफ नीति भारत और रूस के व्यापार को प्रभावित कर रही है और रूस ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है।
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रूस ने भारतीय सामान के लिए खोले अपने बाजार, अमेरिका की टैरिफ नीति का जवाब

रूस का बड़ा बयान


भारत के लिए रूस ने अपने बाजार खोलने का ऐलान किया है। अमेरिका की टैरिफ नीति के चलते भारतीय सामान को अमेरिका में प्रवेश में कठिनाई हो रही है। ऐसे में रूस ने भारतीय उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोलने का संकेत दिया है।


अमेरिका ने भारत पर उच्च टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो अगस्त के अंत तक लागू होगा। इस स्थिति में रूस ने भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का एक और कदम उठाया है।


अमेरिका की टैरिफ नीति का प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिसका कारण भारत का रूस से तेल खरीदना बताया गया है। इस निर्णय के बाद भारत को रूस का समर्थन प्राप्त हुआ है।


ट्रंप के इस कदम से भारत को रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का अवसर मिला है।


रूसी दूतावास का बयान

रूसी दूतावास ने ट्रंप के निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय सामान अमेरिका में नहीं जा सकता, तो वे रूस में आसानी से प्रवेश पा सकते हैं।


दूतावास ने अमेरिका के प्रतिबंधों को 'दोहरा मापदंड' करार दिया है और कहा है कि भारत पर रूस से कच्चा तेल न खरीदने का दबाव डालना अनुचित है।


अमेरिका का उद्देश्य

अमेरिका का लक्ष्य भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंधों को कमजोर करना है। व्हाइट हाउस ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है, जिसमें भारत के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई को स्पष्ट किया गया है।


व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है।


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