Newzfatafatlogo

रूस ने वार्षिक नौसेना परेड को सुरक्षा कारणों से किया रद्द

रूस ने अपनी वार्षिक नौसेना परेड को सुरक्षा कारणों से रद्द कर दिया है, जो यूक्रेन द्वारा बढ़ते हमलों के बीच एक महत्वपूर्ण निर्णय है। क्रेमलिन ने इस रद्दीकरण के पीछे की वजहों पर कोई स्पष्टता नहीं दी है, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं। यह परेड, जो रूसी नौसेना की ताकत का प्रतीक है, हर साल सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित होती है। इस लेख में, हम इस रद्दीकरण के पीछे के कारणों और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
 | 
रूस ने वार्षिक नौसेना परेड को सुरक्षा कारणों से किया रद्द

रूस की नौसेना परेड का रद्द होना

रूस ने 27 जुलाई को निर्धारित अपनी वार्षिक नौसेना परेड को रद्द करने का निर्णय लिया है। क्रेमलिन ने इस कदम को "सुरक्षा कारणों" से जोड़ा है, लेकिन किसी विशेष खतरे का उल्लेख नहीं किया गया है। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, यह निर्णय यूक्रेन द्वारा रूसी नौसेना की संपत्तियों पर बढ़ते हमलों और 2022 में शुरू हुए पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद उत्पन्न आंतरिक कमजोरियों को दर्शाता है।


क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा, "यह निर्णय समग्र स्थिति से संबंधित है। सुरक्षा प्राथमिकता है।" उन्होंने इस रद्दीकरण के पीछे की वजहों पर और जानकारी देने से इनकार कर दिया, जिससे अटकलें बढ़ गई हैं।


नौसेना दिवस परेड का महत्व

रूस का वार्षिक नौसेना दिवस परेड हर साल जुलाई के अंतिम रविवार को आयोजित होता है, जो रूसी नौसेना की शक्ति और विरासत का सम्मान करने का एक भव्य सैन्य उत्सव है। यह परेड पारंपरिक रूप से सेंट पीटर्सबर्ग के बंदरगाह शहर में होती है, जहां युद्धपोतों, पनडुब्बियों, विमानों और हजारों नौसैनिकों की शानदार प्रदर्शनी होती है। यह परेड सोवियत काल से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है और इसे 2000 के दशक की शुरुआत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा नई ऊर्जा के साथ पुनर्जीवित किया गया।


वैश्विक मंच पर संदेश

नौसेना परेड में प्रदर्शन, औपचारिक सलामी और समुद्री उड़ानें शामिल होती हैं। यह न केवल घरेलू दर्शकों के लिए देशभक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि वैश्विक स्तर पर निवारण और प्रतिष्ठा का संदेश भी देती है। हाल के वर्षों में, पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव और काला सागर व आर्कटिक जैसे क्षेत्रों में नौसैनिक गतिविधियों के कारण इस परेड का प्रतीकात्मक महत्व और बढ़ गया है।


रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव

रूस-यूक्रेन युद्ध 2014 में क्रीमिया के विलय के साथ शुरू हुआ और फरवरी 2022 में पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के साथ और तेज हो गया। रूस का उद्देश्य यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकना था, लेकिन पश्चिमी सैन्य और वित्तीय सहायता से समर्थित यूक्रेनी प्रतिरोध ने इसके अग्रिम को रोक दिया। इस युद्ध ने भारी हताहतों, वैश्विक व्यवधानों और अनसुलझे तनावों को जन्म दिया है, जो अभी भी जारी है।