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रूस ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया न्यूक्लियर-पावर्ड पोसाइडन टॉरपीडो

रूस ने अपने न्यूक्लियर-पावर्ड अंडरवाटर टॉरपीडो, पोसाइडन, का सफल परीक्षण किया है। राष्ट्रपति पुतिन ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है, जो अमेरिका और अन्य देशों के लिए खतरा बन सकता है। पोसाइडन की क्षमताएँ इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक बनाती हैं, जो तटीय शहरों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। जानें इसके परीक्षण की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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रूस ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया न्यूक्लियर-पावर्ड पोसाइडन टॉरपीडो

रूस का नया न्यूक्लियर टॉरपीडो

नई दिल्ली। रूस ने अपने अत्याधुनिक न्यूक्लियर-पावर्ड अंडरवाटर टॉरपीडो, पोसाइडन (Nuclear-Powered Underwater Torpedo Poseidon), का सफल परीक्षण किया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस उपलब्धि की जानकारी साझा करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण सफलता बताया। उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर को आर्कटिक महासागर में पोसाइडन का परीक्षण किया गया, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। पुतिन ने यह भी बताया कि पोसाइडन की शक्ति हमारे सबसे बड़े ICBM सारमत (ICBM Sarmat) से भी अधिक है, और इसका कोई मुकाबला नहीं है।


पुतिन ने कहा कि यह पहली बार है जब हमने इसे वाहक पनडुब्बी से लॉन्च किया और परमाणु ऊर्जा इकाई को सक्रिय किया, जिससे यह उपकरण कुछ समय तक कार्यरत रहा। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पोसाइडन की शक्ति महाद्वीपीय मिसाइल सारमत से भी अधिक है। अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने इसे प्रतिशोधी हथियारों की नई श्रेणी के रूप में वर्णित किया है, जो रेडियोएक्टिव समुद्री लहरें उत्पन्न कर तटीय शहरों को नष्ट कर सकता है।


पोसाइडन की क्षमताएँ

पोसाइडन (Poseidon) पानी के भीतर से लॉन्च होता है और दुश्मन के जहाजों या तट पर हमला करता है, इसलिए इसे टॉरपीडो की श्रेणी में रखा गया है। यह 20 मीटर लंबा, 100 टन भारी और 100 नॉट्स की गति से चलने वाला एक स्वचालित ड्रोन है, जो असीमित दूरी तक जा सकता है। रूस इसे इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर टॉरपीडो के रूप में संदर्भित करता है। यह समुद्र में तटीय शहरों को नष्ट करने की क्षमता रखता है और 10,000 किमी तक यात्रा कर सकता है। इसके परमाणु विस्फोट से सुनामी उत्पन्न हो सकती है।


पोसाइडन के निशाने पर कौन-कौन से देश हैं?

रूस के पोसाइडन (Poseidon) की असीमित रेंज और समुद्री लॉन्च के कारण, दुनिया का कोई भी तटीय देश इसके निशाने पर है। हालांकि, प्राथमिक लक्ष्य अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तट (न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, लॉस एंजेल्स, सैन फ्रांसिस्को), ब्रिटेन (लंदन, पोर्ट्समाउथ), फ्रांस (ब्रेस्ट, मार्सेल), जापान (टोक्यो, योकोहामा), दक्षिण कोरिया (बुसान, सियोल क्षेत्र), ऑस्ट्रेलिया (सिडनी, मेलबर्न) और नाटो के यूरोपीय तट (नॉर्वे, जर्मनी, नीदरलैंड) हैं।