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रूस में भूकंप से सुनामी का खतरा, जापान में भविष्यवाणियों की चर्चा

रूस के कामचात्का क्षेत्र में आए भूकंप ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ अमेरिका और जापान में भी चिंता का माहौल बना दिया है। सुनामी की संभावित लहरों के खतरे को लेकर तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच, जापान में एक भविष्यवाणी की चर्चा हो रही है, जिसमें जुलाई 2025 में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा की चेतावनी दी गई थी। जानें इस संकट के बारे में और क्या जानकारी है।
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भूकंप का प्रभाव और सुनामी की चेतावनी

रूस के कामचात्का क्षेत्र में आए भूकंप ने स्थानीय निवासियों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। इसके साथ ही, अमेरिका और जापान में भी संभावित सुनामी के खतरे को लेकर लोग चिंतित हैं। इस प्राकृतिक आपदा के चलते रूस में प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी गई है। वहीं, अमेरिका और जापान के अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है, जहां विशाल सुनामी लहरों के उठने की आशंका जताई जा रही है।


जापान में एक पुरानी भविष्यवाणी भी चर्चा का विषय बन गई है, जो इस आपदा से संबंधित मानी जा रही है। जापानी भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी, जिन्हें 'जापान का बाबा वेंगा' कहा जाता है, ने जुलाई 2025 में जापान में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा की चेतावनी दी थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उनकी भविष्यवाणियां 1999 में प्रकाशित एक किताब के पुनः संस्करण में शामिल की गई थीं, जिसमें 5 जुलाई को किसी गंभीर घटना की संभावना का उल्लेख किया गया था।


तात्सुकी ने यह भी अनुमान लगाया था कि जापान और फिलीपींस के समुद्री क्षेत्र में एक बड़ी दरार बन सकती है, जिससे गंभीर भूकंपीय गतिविधियां उत्पन्न होंगी। उन्होंने यह दावा किया था कि यह सुनामी 2011 में तोहोकु क्षेत्र में आई तबाही से तीन गुना अधिक शक्तिशाली होगी। इस भविष्यवाणी के चलते कई जापानी नागरिक और पर्यटक इस समय जापान यात्रा से बच रहे हैं।


जापान के अधिकारियों ने कामचात्का के पूर्वी तट के बाद 9:40 बजे से प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है। यह अलर्ट होक्काइडो से लेकर वाकायामा प्रांत तक फैले क्षेत्रों को कवर करता है, जिसमें आओमोरी, इवाते, मियागी, फुकुशिमा, चिबा, इबाराकी, शिजुओका और इजू द्वीप समूह शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने निवासियों से ऊंचे स्थानों की ओर जाने और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने का आग्रह किया है। चेतावनी में यह भी बताया गया है कि लहरों की ऊंचाई तीन मीटर से अधिक हो सकती है, जिससे तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान की आशंका है।