रूस में यात्री विमान दुर्घटना: 49 लोगों की मौत

दुर्घटना का विवरण
नई दिल्ली। एक यात्री विमान रूस में गुरुवार को चीन की सीमा के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार सभी 49 लोगों की जान चली गई, जिनमें 43 यात्री और 6 क्रू सदस्य शामिल थे, जिनमें 5 बच्चे भी थे। बचाव दल को टिंडा से लगभग 16 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर विमान का मलबा मिला है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह विमान रूस के पूर्वी अमूर क्षेत्र में उड़ान भर रहा था। अमूर के गवर्नर वासिली ओरलोव ने टेलीग्राम पर जानकारी दी कि यह लापता विमान अंगारा एयरलाइंस का था।
दुर्घटना की जांच
An-24 crash site in Russia's Far East seen from helicopter — social media footage
49 on board, including 5 children and 6 crew — no survivors reported
Malfunction or human error considered as possible causes https://t.co/pLMgFY7kBG pic.twitter.com/rU5VWLOnXH
— RT (@RT_com) July 24, 2025
स्थानीय आपातकालीन मंत्रालय ने बताया कि विमान खाबरोवस्क और ब्लागोवेशचेंस्क होते हुए टिंडा की ओर जा रहा था। यह चीन की सीमा के निकट है। टिंडा पहुंचने से पहले विमान रडार से गायब हो गया और उसका संपर्क टूट गया। इंटरफैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने पहले टिंडा एयरपोर्ट पर लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। जब उसने दूसरी बार लैंडिंग का प्रयास किया, तब वह रडार से गायब हो गया।
विमान की जानकारी
तास समाचार एजेंसी के अनुसार, विमान टिंडा एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर पहले एक निर्धारित चेकपॉइंट पर भी संपर्क नहीं कर पाया। टिंडा शहर रूस की राजधानी मॉस्को से लगभग 6,600 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।
क्रैश विमान की उम्र
यह विमान 63 साल पुराना था। सोवियत संघ ने 1967 में An-24 विमान को छोटे इलाकों में उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया था। इसमें 32 सीटें होती थीं और यह 450 किमी प्रति घंटे की गति से 400 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता था। इसके अलावा, यह 4 टन तक का वजन ले जाने में सक्षम था। इसे ऐसे रनवे से उड़ान भरने के लिए भी तैयार किया गया था जो केवल 1200 मीटर लंबे और पक्के नहीं थे। यदि विमान का एक इंजन भी खराब हो जाए, तो भी यह टेकऑफ कर सकता था।
इसकी टेस्टिंग अप्रैल 1962 में सफल रही, जिसके बाद अक्टूबर 1962 से इस विमान ने यात्रियों को ले जाना शुरू किया। कुल 1367 An-24 विमान बनाए गए। सोवियत संघ में इसका निर्माण 1979 तक जारी रहा, लेकिन इसके बाद भी ये विमान सेवा में बने रहे। आज भी An-24 का उपयोग कुछ स्थानों पर किया जा रहा है।