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रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़: ड्रोन हमले और पुतिन की प्रतिक्रिया

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक नया मोड़ आया है। यूक्रेन ने 117 ड्रोन रूस के अंदर भेजकर एक बड़ा हमला किया, जिसके बाद पुतिन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। इस संघर्ष में अमेरिका भी मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। जेलेंस्की ने दुनिया से एकता की अपील की है, ताकि रूस के हमलों को रोका जा सके। जानिए इस जंग के ताजा हालात और दोनों देशों के इरादों के बारे में।
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रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़: ड्रोन हमले और पुतिन की प्रतिक्रिया

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का चौथा वर्ष

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस संघर्ष के दौरान, 1 जून 2025 को यूक्रेन ने 117 ड्रोन रूस के अंदर भेजकर एक महत्वपूर्ण हमला किया, जिसका लक्ष्य एयरबेस था। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस ड्रोन हमले से दुनिया को चौंका दिया, लेकिन यह हमला उनके लिए आत्मघाती साबित हो रहा है। ऑपरेशन स्पाइडरवेब के तहत रूस को 41 बमवर्षक विमानों का नुकसान हुआ है, जिससे उसे करोड़ों का वित्तीय नुकसान हुआ। इसके बाद, रूस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप यूक्रेन को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा। पुतिन का गुस्सा कीव पर कहर बनकर टूटा, जिससे राजधानी में कई धमाके हुए। खारकिव में भी मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया गया।


संघर्ष का नया स्तर

यूक्रेन ने स्पाइडरवेब के माध्यम से रूस में घुसकर हमला किया, जिससे दो देशों के बीच का विवाद एक नए स्तर पर पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की कोशिश की है और तीन बार फोन भी किया है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई, जिसमें यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल सेना की वर्दी में आया था, जो उनके इरादों को स्पष्ट करता है। नाटो, यूरोपीय देश और अमेरिका पर्दे के पीछे से यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं, जबकि रूस लगातार हमले कर रहा है।


जेलेंस्की की अपील

जेलेंस्की ने बताया कि 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं और दुर्भाग्यवश, सभी ने ऐसे हमलों की निंदा नहीं की है। यह वही स्थिति है जिसका पुतिन लाभ उठाना चाहते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया में एकता की कमी से पुतिन को बढ़ावा मिल रहा है, और उन पर अधिक दबाव डालने की आवश्यकता है। कूटनीति, सुरक्षा गारंटी और शांति की आवश्यकता है, विशेषकर संघर्षविराम की सख्त जरूरत है। रूस पर दबाव डालकर ऐसे हमलों को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए।