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रूस-यूक्रेन संघर्ष: क्या मानवता के अस्तित्व का संकट है?

रूस-यूक्रेन युद्ध ने 2025 में और भी गंभीर रूप ले लिया है, जिसमें रूस ने सैकड़ों ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस संघर्ष को मानवता के अस्तित्व का प्रश्न बताया है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। यूक्रेन को मिली सहायता के बावजूद, स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जानें इस संघर्ष के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।
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रूस-यूक्रेन संघर्ष: क्या मानवता के अस्तित्व का संकट है?

रूस-यूक्रेन युद्ध में बढ़ती हिंसा

रूस-यूक्रेन युद्ध, जो 2022 से चल रहा है, अब 2025 में और भी अधिक गंभीर हो गया है। हाल के घटनाक्रम में, रूस ने यूक्रेन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर एक साथ सैकड़ों ड्रोन और दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिससे स्थिति और भी विकट हो गई है।


रूस के हमले का दायरा

इस हालिया हमले में 400 से अधिक ड्रोन और 40 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया गया। यूक्रेन के जिन प्रमुख क्षेत्रों पर यह हमला हुआ, उनमें वोलिन, लविवि, टेरनोपिल, कीव, सुमी, पोल्टावा, खमेलनित्सकी, चर्कासी और चेर्निहिव शामिल हैं। यह हमला न केवल सैन्य ठिकानों पर, बल्कि नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।


यूक्रेन के राष्ट्रपति का बयान

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि यूक्रेनी वायुसेना ने कई मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट किया, लेकिन इसके बावजूद तीन आपातकालीन सेवाकर्मियों की मौत और 49 नागरिकों के घायल होने की पुष्टि हुई है। बचाव और राहत कार्य अभी भी जारी है।


मानवता के लिए संघर्ष

जेलेंस्की ने कहा, "रूस अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं ला रहा है और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहा है। यह युद्ध अब केवल यूक्रेन का नहीं, बल्कि मानवता के अस्तित्व का प्रश्न बन चुका है।" उन्होंने दुनिया के नेताओं से अपील की कि अब केवल समर्थन देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है।


अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता

यूक्रेन ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से आग्रह किया है कि वे रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएं और सैन्य सहायता को बढ़ाएं। नाटो, यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से अपेक्षा की जा रही है कि वे राजनयिक और सामरिक दबाव बनाए रखें ताकि रूस बातचीत की मेज पर आए। जेलेंस्की का कहना है कि अब दुनिया की चुप्पी भी एक प्रकार की सहमति बनती जा रही है, जिसे तोड़ना आवश्यक है।


यूक्रेन को मिला समर्थन

यूक्रेन को अमेरिका से कई बार सुरक्षा सहायता पैकेज, यूरोपीय देशों से एयर डिफेंस सिस्टम, और नाटो से सीमा सुरक्षा का सहयोग मिला है। फिर भी, यूक्रेनी नेतृत्व का मानना है कि यह सहयोग रूस के आक्रामक रवैये के मुकाबले काफी नहीं है।


युद्ध का विनाशकारी प्रभाव

2022 से अब तक इस युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और देश का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया है।