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रूस-यूक्रेन संघर्ष में बढ़ती आक्रामकता: ज़ेलेंस्की की अपील

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हालिया घटनाक्रम ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। यूक्रेन ने रूस के एयरबेस पर ड्रोन हमले किए, जिसके जवाब में रूस ने भी आक्रामक कार्रवाई की। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है, यह कहते हुए कि यह युद्ध केवल यूक्रेन का नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ है। जानें इस संघर्ष के पीछे की वजहें और वैश्विक प्रतिक्रिया के बारे में।
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रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ता तनाव

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध 2022 से अब तक और भी तीव्र हो गया है। हाल ही में, यूक्रेन ने रूस के चार एयरबेस पर ड्रोन हमले किए, जिसमें 40 से अधिक फाइटर जेट नष्ट हुए। यह हमला रूस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जिसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने प्रतिशोध की कसम खाई है। रूस ने यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में 400 से अधिक ड्रोन और 40 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई की है, जिससे यूक्रेन में हड़कंप मच गया है।


रूस के हमले के निशाने पर वोलिन, लविव, टेरनोपिल, कीव, सुमी, पोल्टावा, खमेलनित्सकी, चर्कासी और चेर्निहिव जैसे प्रमुख क्षेत्र हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी वायुसेना ने कई मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट किया है, लेकिन इस हमले में तीन आपातकालीन सेवा कर्मियों की जान चली गई और 49 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मलबा हटाने का कार्य जारी है और बचाव दल तलाशी अभियान चला रहे हैं।


रूस की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है, और वह आम नागरिकों को भी निशाना बना रहा है। यह संघर्ष अब केवल यूक्रेन का नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ एक युद्ध बन गया है। ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि रूस को जवाबदेह ठहराया जाए और अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों को निर्णायक दबाव डालना चाहिए। यदि विश्व नेता चुप रहते हैं, तो वे भी इस स्थिति में शामिल हो जाएंगे। ज़ेलेंस्की ने कहा कि केवल समर्थन से युद्ध नहीं रुकेगा।


यूक्रेन ने शुरुआत से ही स्पष्ट किया है कि वह अकेले लड़ते-लड़ते थक चुका है। उसने नाटो, यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य देशों से मांग की है कि वे रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएं और हथियार तथा सैन्य सहायता प्रदान करें। कई देशों ने यूक्रेन की मदद की है, अमेरिका लगातार सुरक्षा पैकेज दे रहा है, और यूरोप ने उन्नत रक्षा वायु प्रणाली उपलब्ध कराई है। नाटो देशों ने सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी है, लेकिन ज़ेलेंस्की को लगता है कि इस युद्ध में ठोस मदद की कमी है। 2022 से अब तक, रूस और यूक्रेन के हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। यूक्रेन की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।