रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की नई खरीदारी
नई दिल्ली: अमेरिका के दबाव के बावजूद, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने दिसंबर में डिलीवरी के लिए रूस से कच्चे तेल की पांच खेपें मंगवाई हैं। कुछ भारतीय रिफाइनरियों ने प्रतिबंधों के चलते खरीदारी रोक दी है, लेकिन IOC की योजना रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखने की है।
रॉयटर्स के अनुसार, IOC ने गैर-प्रतिबंधित संस्थाओं से पांच खेपें खरीदी हैं। हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने रूस की प्रमुख तेल कंपनियों लुकोइल और रोसनेफ्ट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
क्या भारत में रूसी तेल की खरीद हो रही है?
एक व्यापार सूत्र के अनुसार, IOC ने दुबई के भावों के बराबर कीमत पर लगभग 35 लाख बैरल ईएसपीओ क्रूड खरीदा है, जिसकी डिलीवरी दिसंबर में एक पूर्वी भारतीय बंदरगाह पर होगी। अमेरिकी दबाव के बावजूद, IOC ने रूसी कच्चे तेल के पांच शिपमेंट का ऑर्डर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, IOC का यह निर्णय रूस से आयातित कच्चे तेल की कम कीमत और उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह भारतीय रिफाइनरियों के लिए लागत-प्रभावी साबित हो रहा है, जो वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच स्थिरता प्रदान करता है। हालांकि, कुछ निजी और सार्वजनिक रिफाइनरियां अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से रूसी तेल की खरीद से दूर हो गई हैं, लेकिन IOC ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी कानूनी और नियामक आवश्यकताओं का पालन हो रहा हो, तब तक खरीद जारी रहेगी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि रूसी तेल की यह खरीद न केवल ईंधन की कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद करेगी, बल्कि भारत की रिफाइनिंग क्षमता को भी मजबूत बनाएगी। IOC देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी है और उसके निर्णय का पूरे उद्योग पर प्रभाव पड़ता है। दिसंबर में आने वाले इन शिपमेंट से घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति सुचारू रहेगी। कुल मिलाकर, यह घटना भारत की ऊर्जा रणनीति की मजबूती को दर्शाती है, जहां वैश्विक दबाव के बावजूद राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं। आगे चलकर देखना होगा कि अन्य रिफाइनरियां भी इसी राह पर चलती हैं या नहीं।
